उत्तराखंड Express ब्यूरो
चिन्यालीसौड़ /उत्तरकाशी
नगर पालिका परिषद चिन्यालीसौड़ के वार्ड नंबर एक में इन दिनों पांडव नृत्य की धूम मची है। नृत्य देखने और आशीर्वाद लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच रहे हैं, जिससे गांव में रौनक बनी हुई है। ग्रामीण पांडव नृत्य की पौराणिक सांस्कृतिक धरोहर को संजोए हुए हैं।
चिन्यालि गांव में भगवान नागराजा परिसर के पास ही 20 वर्षों के बाद पाण्डव नृत्य का आयोजन किया जा रहा है। पाण्डव नृत्य के आयोजन से चिन्यालीसौड़ क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है।
12 दिसम्बर से शुरू हुए 9 दिवसीय पाण्डव नृत्य में प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होकर क्षेत्र की खुशहाली व विश्व समृद्धि की कामना कर रहे हैं।
इस पाण्डव नृत्य में पहाड़ की लोक संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है। आस पास के नगर पालिका क्षेत्र के अलावा आस पास के गावो के ग्रामीणों का भी पांडव पश्वाओं से आशीर्वाद लेने का उत्साह देखने लायक है।
मंगलवार की रात से पांडव नृत्य शुरू हुआ, जिसमें पांच पांडवों और द्रौपदी की पूजा-अर्चना की गई, जिसके बाद पांडव नृत्य शुरू हुआ। चिन्यालि गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि पांडव नृत्य देव भूमि का पारंपरिक लोकनृत्य है। पांडव अपने अवतरण काल में यहां वनवास, अज्ञातवास, भगवान शंकर की खोज और स्वर्गारोहिणी के समय आए थे।
भगवान नागराजा के पसवा देवानंद कुकरेती ने बताया कि ग्रामीण 2003 से पहले हर वर्ष पांडव लीला का आयोजन करते थे। नागराजा के पसवा की पहल पर ही 20वर्षों बाद पुनः पांडव नृत्या शुरू किया गया है। इस अवसर पर कर्नल चंद्रवीर सिंह बिष्ट, डॉ विनोद कुकरेती, देवानंद कुकरेती ,सोहनलाल कुकरेती, जयानंद कुकरेती, पूर्ण सिंह बिष्ट, नत्थी सिंह भंडारी,दिलवर सिंह नेगी रुकम सिंह पंवार,भगवान सिंह मेहरा जयवीर कोहली,वीरेंद्र कुकरेती,बलबीर सिंह बिष्ट, जय राज सिंह बिष्ट ,वीरेंद्र नेगी, कुलबीर बिष्ट आदि लोग उपस्थित रहे