उत्तरकाशी । उत्तरकाशी जिले के जुणगा गांव निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चिंद्रिया लाल राही का आज 100 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। वह कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे और आजादी की जंग जीतने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने आज जिंदगी की जंग हार गए।
चिंद्रियालाल के नाती जय प्रकाश ने बताया कि उनके दादाजी पिछले काफी समय से बीमार थे और देहरादून के दून अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें 25 दिसंबर को बंदरकोट में चाचा चिरंजी राही के घर में ले आए थे।
उत्तरकाशी जनपद के डुंडा ब्लाक के जुणगा गांव निवासी चिन्द्रियालाल का जन्म जुलाई 1927 को हुआ। कक्षा चार तक पढ़े चिन्द्रियालाल राजशाही के खिलाफ प्रजातंत्र के आंदोलन में 1944 में शामिल हुए। उसी दौरान श्रीदेव सुमन की टिहरी जेल में मौत हुई थी। उसी दौरान चिन्द्रिया लाल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नत्था सिंह कश्यप, राम चन्द्र उनियाल, परिपूर्णानंद पैन्यूली, त्रेपन सिंह नेगी के सम्पर्क में आये। प्रजातंत्र के आंदोलन का संदेश चम्बा कद्दू खाल से लाते समय धरासू के पास राजशाही की हकूमत ने उन्हें पकड़ कर गिरफ्तार किया। यही नहीं चिन्द्रिया लाल के घर और जमीन की कुर्की की गई। लेकिन चिन्द्रिया लाल ने उसके बाद भी हार नहीं मानी और राजशाही के खिलाफ़ आंदोलन से जुड़े रहे।