उत्तरकाशी :मेलों, जातर के आयोजन में पारम्परिक स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाय

 

 

जयप्रकाश बहुगुणा
बड़कोट /उत्तरकाशी

 

उत्तरकाशी जनपद के गंगनानी बड़कोट में आयोजित तीन दिवसीय बसंतोत्स्व (कुंड की जातर )का आज समापन हो गया!मेले के आखिरी दिन मेले के आयोजक जिला पंचायत द्वारा मेला सभागार में आयोजित पत्रकार गोष्ठी में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आये पत्रकारों ने प्रतिभाग किया !मेले की दिशा व दशा पर आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आधुनिकता की दौड़ में पौराणिक मेले, जातर अपना वास्तविक सांस्कृतिक स्वरूप को खो रहे हैं, जो कि हमारी पौराणिक संस्कृति को सहेजने के लिए चिंतनीय है !वक्ताओं ने कहा कि मेलों को आधुनिक स्वरूप देते हुए उनकी पौराणिकता भी बनी रहनी चाहिए !स्थानीय स्तर पर आयोजित होने वाले इन मेलों में स्थानीय उत्पादों व पारम्परिक पकवानों, वेश -भूषाओं को बढ़ावा मिलना चाहिए, जिससे यहां की स्थानीय लोक परम्पराओं से देश दुनियाँ परिचित हो सके साथ ही यहां के स्थानीय उत्पादकों को अपना उत्पाद बेचने को बाजार उपलब्ध हो सके, जिससे उत्पादकों की आर्थिकी भी मजबूत हो सके !पत्रकारों ने जिला पंचायत को मेले के स्वरूप को और अधिक बेहतर करने के लिए अन्य भी कई सुझाव दिये !गोष्ठी में जिला पंचायत के अभियंता श्याम लाल, जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष सुनील थपलियाल, महामंत्री सुरेंद्र नौटियाल, कोषाध्यक्ष प्रकाश रांगड़, राधेकृष्ण उनियाल , दिनेश रावत, बलबीर परमार , गिरीश गैरोला, चन्द्रप्रकाश बहुगुणा, तिलक रमोला, राजेश रतूड़ी, सुरेश रमोला, जयप्रकाश बहुगुणा, अनिल रावत, राजीव नौटियाल, द्वारिका सेमवाल, महावीर राणा, सूर्यप्रकाश, हेमकांत नौटियाल, भगत सिंह, भगवती रतूड़ी, अजय कुमार, पृथ्वी नैथानी, नितिन चौहान, कुंवर सिंह तोमर, सचिन नौटियाल, उपेंद्र असवाल, मदन पैन्यूली, अरविन्द थपलियाल, सोबन असवाल, राकेश रतूड़ी, विनोद रावत, कृष्णा राणा, दीपक नौटियाल, संदीप चौहान आदि शामिल रहे !

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