भक्त प्रहलाद कृत नृसिंह स्त्रोत व विष्णु सहस्रनाम पाठ के साथ मंदिर में स्थापित की गई नृसिंह भगवान की मूर्ति

जयप्रकाश बहुगुणा
चिन्यालीसौड़ /उत्तरकाशी

भगवान नृसिंह की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा दिकोली में रविवार को सेकडो श्रद्धालुओं की उपस्थिति में धूमधाम से संपन्न हुई। महोत्सव में बड़ी संख्या में साधु-संतों, राजनेताओं व श्रद्धालुओं ने भाग लिया। महोत्सव के अंतिम दिन रविवार को दिनभर श्रद्धालुओं का हुजूम लगा रहा। अभिजीत मुहूर्त में भगवान नृसिंह की मूर्ति का विधि-विधान से यजमानों की ओर से मूर्ति स्थापना, ध्वजा व कलश चढ़ाने की रस्म निभाई गई। इस दौरान पूरा पांडाल नृसिंह भ्गवाल की जय के जयकारों से गूंज उठा और श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे पर गुलाल उड़ा व नृत्य कर खुशी का इजहार किया। इसके बाद महाप्रसादी व विदाई समारोह का आयोजन हुआ।
विकासखंड चिन्यालीसौड़ के दिकोली स्थित 350 वर्ष पुराने नृसिंह मंदिर में तीन दिन की पूजा अर्चना के बाद उत्तराखंड जल विद्युत निगम के सहयोग से रविवार को नृसिंह भगवान की 3 फूट ऊंची संगमरमर की नई मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर में स्थापित कर दी गई। मौके पर बड़ी संख्या में अधिकारी,जन प्रतिनिधि व श्रद्धालु मौजूद रहे।

इससे पूर्व मूर्ति को गंगा स्नान करवाया गया। भक्त प्रहलाद कृत नृसिंह स्त्रोत व विष्णु सहस्रनाम पाठ के साथ मंदिर में मूर्ति स्थापित की गई। इस मौके पर पूरा क्षेत्र भगवान नृसिंह की जयकारों से गूंज उठा। मंदिर के पुजारी प्यारे लाल नौटियाल ने बताया कि क्षेत्र का हर नव विवाहित जोड़ा प्राचीन परम्परानुसार आज भी भगवान नृसिंह के आशीर्वाद से अपने दाम्पत्य जीवन की शुरूआत करता है।
विकासखंड के ऐतिहासिक भगवान श्री नरसिंह मंदिर में भगवान विष्णु के अवतार नृसिंह भगवान की मूर्ति करीब 350 वर्ष के इंतजार के बाद उत्तराखंड जल विद्युत निगम के सहयोग से स्थापित हुई। प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर आयोजन समिति द्वारा पिछले एक महीने से तैयारियां की जा रही थी। वैसे चिन्यालीसौड़ में काफी प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर हैं, जिनकी ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है। इनमें कई मंदिर काफी चमत्कारिक हैं, जहां दर्शन मात्र से ही भक्तों की इच्छा पूर्ण हो जाती है। जिनमे दो मंदिर दिकोली में ही है । जिनमे एक है तिरुपति बाला धाम जहां भगवान विष्णु की सैया पर लेटी हुई मूर्ति, भगवान राम लक्ष्मण सीता और हनुमान सहित सभी ग्रहों की मूर्तियां है और दूसरा है भगवान नरसिंह का मंदिर। इस मंदिर की स्थापना भी रियासतकाल में हुई थी।
इस मौके पर उत्तराखंड जल विद्युत निगम के उप महाप्रबंधक राजेश चौकसे,अधिशासी अभियंता यसपाल महर,मनोज सिंह रावत,विनोद चौहान,पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रकाश चंद रमोला,प्रधान रजनी चौहान, सरोजनी थपलियाल,किशन सिंह रावत,रमेश थपलियाल,भारत सिंह चौहान,शूरवीर रावत, राजेंद्र थपलियाल, प्रभा देवी,नृसिंह भगवान का पश्वुआ अतरा देवी भंडारी ,सोहन मिश्रा ,दिनेश नौटियाल,ने आदि उपस्थित रहे।

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