उत्तराखंड एक्सप्रेस ब्यूरो
बड़कोट
तहसील बड़कोट के अंतर्गत ग्राम पौंटी में आयोजित भागवत कथा में कथा व्यास पूज्य श्री गौ ऋषि प्रकाश चैतन्य महाराज जी ने कहा है कि भागवत एक पवित्र नदी के समान है जिस तरह नदी पर किसी एक का अधिकार नही होता बल्कि सब उसके अधिकारी हैं। उसी तरह भागवत कथा श्रवण के भी सभी अधिकारी हैं।
श्री हरि यमुना सहयोग समिति के तत्वावधान में ग्राम नारायणपुरी, ग्राम थान , ग्राम पौंटी व लाखामंडल सहित यमुना तट पर यमुनोत्री से प्रयागराज तक 51श्रीमद भागवत कथा एवं हरि यमुना पथ परिक्रमा का भव्य व दिव्य आयोजन किया जा रहा है।
कथा व्यास श्री गौ ऋषि प्रकाश चैतन्य महाराज ने कहा कि जब भागवत कथा श्रवण से प्रेत की भी मुक्ति हो जाती है तो देहधारी मनुष्य उसके श्रवण से क्या नहीं पा सकता। वैसे तो परमात्मा की प्राप्ति के अनेक साधन हैं पर उन सबमें भी उनकी प्राप्ति के सरलतम साधन है। भगवान का भजन कीर्तन उनके नाम का आश्रय। उन्होंने बताया कि कलियुग में केवल भगवान के नाम को जपकर ही मनुष्य इस भवसागर को पार कर सकता है । मन की निर्मलता ही ईश्वर की प्रसन्नता का प्रमुख कारण है। परमात्मा निर्मल मन वालों को शीघ्र प्राप्त होते हैं इसलिए शास्त्रों में भी मन को सुधारने की बात हुई है और मन को पवित्र किया जा सकता है हरिकीर्तन से। परमात्मा के नाम का आश्रय समस्त दुष्प्रभावों से बचाते हुए हमें सात्विक कवच भी प्रदान करता है । उन्होंने बताया कि लोगों को अपने दिन को चार भागों में बांटना चाहिए , कुछ हिस्सा काम के लिए, एक हिस्सा आराम के लिए , एक हिस्सा भोजन के लिए और एक हिस्सा भगवान के भजन के लिए । उन्होंने कहा जहां भोजन से तृप्ति होती है वहीं भजन से मुक्ति होती है ।
यमुनोत्री धाम से प्रयाग राज तक और प्रयागराज से यमुनोत्री तक 108 श्रीमद भागवत कथा के माध्यम से यमुना की जलधारा को स्वच्छ व निर्मल बहने के उद्देश्य से आयोजक श्री हरि यमुना सहयोग समिति के संयोजक एस के मोंगा और मोहन अग्रवाल ने कहा कि सूर्यपुत्री यमुना मैय्या की जल धारा स्वच्छ ,अवरिल, निर्मल बहे ये हर श्रद्धालु के मन में होना चाहिए इस मौके पर माँ भद्रकाली मंदिर समिति के अध्यक्ष यशवंत रावत, पुजारी बुद्धि राम बहुगुणा सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे