जयप्रकाश बहुगुणा
बड़कोट /उत्तरकाशी
विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट आज भैया दूज के पावन पर्व पर 12 बजकर 5 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इसके बाद शीतकाल में छह माह तक मां यमुना के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में किए जाएंगे।
भैया दूज के पर्व पर रविवार को सुबह शनि देव की डोली पारंपरिक बाध्य यंत्रो के साथ खरसाली गांव से मां यमुना की डोली लेने यमुनोत्री धाम पहुंची। जहां तीर्थ पुरोहितों द्वारा विधिवत हवन पूजा अर्चना के बाद पंचांग गणना अनुसार विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट अभिजित मुहूर्त में 12 बजकर 5 मिनट पर मकर लग्न अनुराधा नक्षत्र एवं सौभाग्य योग में शीतकाल के लिए बंद कर दिए। इसके बाद शनि देव की डोली की अगुवाई में मां यमुना की उत्सव डोली यमुनोत्री धाम से यमुना के जयकारों के साथ अपने शीतकालीन प्रवास खुशीमठ के लिए रवाना हुई तथा खुशीमठ पहुंचकर मां यमुना खुशीमठ में स्थित यमुना मंदिर में विराजमान हई। इसके बाद देश विदेश से आने वाले श्रद्धालु मां यमुना के दर्शन छह माह तक उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ में ही कर सकेंगे तथा 6 महीने बाद अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर मां यमुना के कपाट ग्रीष्मकल के लिए पुनः खोल दिए जाएंगे।
इस मौके पर यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल, एसडीएम/अध्यक्ष मंदिर समिति बृजेश कुमार तिवारी, सचिव मंदिर समिति सुरेश उनियाल, अध्यक्ष पुरोहित महासभा पुरूषोतम उनियाल, महावीर पंवार सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।