जयप्रकाश बहुगुणा
चिन्यालीसौड़/उत्तरकाशी
बिरजा इंटरमीडिएट कॉलेज में मंगलवार को मातृ सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में विद्यालय के 300 से अधिक विद्यार्थियों की माताओं ने प्रतिभाग कर अपने बच्चों की कमियों और खूबियों को साझा किया। साथ ही कक्षा 10 व 12 वी की बोर्ड परीक्षार्थीयो में महिला अभिभावकों की भूमिका पर विशेष रूप से चर्चा की गई।
सम्मेलन की अध्यक्षता रेखा घिल्डियाल ने की। शिक्षिका रामपति नाथ ने कहा कि मातृ सम्मेलन का आयोजन छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए किया जाता है। कहा कि आप सभी जागरूक माताएं हैं जो अपने बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए मेहनत कर रही हैं। शिक्षिका कृष्णा सकलानी ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए विद्यालय, शिक्षक, प्रधानाचार्य के साथ ही अभिभावकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। लता कोठारी ने कहा कि आज बच्चे गलत दिशा में जा रहे हैं। व्यसन और नशे के आदी हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि नशा एक ऐसी बीमारी है जो इसकी लत में एक बार पड़ जाता है, उससे छुटकारा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। लिहाजा इस दौर में बच्चों पर नजर रखना बहुत जरूरी हो गया है। अमिता नौटियाल ने कहा कि बच्चों का बेहतर भविष्य बनाने में अभिभावकों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
बोर्ड परीक्षा की तैयारी में माताओं की अहम भूमिका पर हुई चर्चा में माता-पिता के साथ साथ अध्यापक भी बच्चो की 21 फरवरी से होने वाली बोर्ड परीक्षा को लेकर चिंतित दिखे । चर्चा में ये बात सामने आई कि बोर्ड परीक्षा बच्चों के लिए जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण होता है और इसमें माताओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। ऐसे में जो बच्चे इस साल बोर्ड की परीक्षा देने वाले है उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करने के लिए माताओं को भी कुछ तरीके अपनाने चाहिए, ताकि बच्चे बोर्ड परीक्षा में बेहतर परिणाम ला सके। बच्चो पर दबाव बनाने के बजाए माता पिता को परीक्षा के लिए प्रेरित करना चाहिए। साथ ही बच्चे के छोटे-छोटे प्रयासों और उपलब्धियों की सराहना भी करनी चाहिए।परीक्षा को जीवन-मरण का प्रश्न बनाने की बजाय इसे एक सीखने का अवसर मानें।
कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की शशिकला ने किया। सम्मेलन में रामपति नाथ , कीर्तेसवरी मिश्रा, सुनीता भंडारी, सरस्वती जगूड़ी , आरजू रमोला , रेखा ,लता, अनीता गैरोला ,शशिकला आदि ने भाग लिया।