उत्तराखंड Express ब्यूरो
डाकपत्थर/देहरादून
वीर शहीद केशरी चंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डाकपत्थर विकासनगर के तत्वावधान में १९ अप्रैल२०२५ को एक दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया,जिसमें बतौर वक्ता के रूप में संघ विचारक श्री हिमांशु अग्रवाल ने UCC ACT के संदर्भ में कहा कि उत्तराखंड राज्य पहला राज्य है जिसने समान नागरिक संहिता को लागू किया,गौरतलब है कि २७जनवरी,२०२५ को एक्ट लागू हुआ जिसमें २०१० के पश्चात मैरेज को पंजीकृत करना होगा,इसके लिए राज्य के अंदर नोडल अधिकारी ,प्रबंधक आदि आनुषांगिक संगठन सक्रिय हो गए हैं,पंजीकरण को लेकर सकारात्मक सोच के साथ आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे।वेबिनार के मुख्य अतिथि प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल जी ने नोडल अधिकारी के साथ मौखिक औपचारिक बातचीत की और कहा कि आज व्यस्तता है,इस वजह से में जुड़ नहीं पाऊंगी लेकिन उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता विषय पर आने वाले दिनों में चिन्हित तिथि के दिन संवाद और विस्तृत चर्चा करूंगी।वेबिनार के विशिष्ट अतिथि श्री संजय डोभाल,यमुनोत्री विद्यायक ने व्यस्तता को देखते हुए मौखिक रूप से कहा कि धामी सरकार ने UCC ACT को लेकर प्रसन्नता जाहिर की,कहा कि यूसीसी एक्ट एक युगांतरकारी साबित होगा।महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ डी एस नेगी जी ने एक दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार का आगाज करते हुए कहा कि यूसीसी एक्ट प्रासंगिक है,प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि सभी कर्मचारी,प्राध्यापक अनिवार्यतः पंजीकरण की प्रक्रिया के प्रति प्रोत्साहित करें।जिन लोगों का विवाह 2010 के पश्चात हुआ हो उन सभी को पंजीकृत करना होगा। डॉ डी एस नेगी ने कहा कि प्रत्येक प्राध्यापक को यूसीसी एक्ट जो हिंदी और अंग्रेजी में पी डी एफ उपलब्ध है,का अध्ययन करना चाहिए यूसीसी एक्ट सारगर्भित एवं प्रासंगिक है।इस एक्ट की प्रशंसा होनी चाहिए।नोडल अधिकारी डॉ विजय बहुगुणा की यूसीसी एक्ट को रेखांकित करते हुए कहा कि ब्रिटिश राज में सन 1920 में आई सी एस ऑफिसर पन्नालाल ने कुमाऊं के प्रथागत कानून को लिपिबद्ध किया,उपर्युक्त पुस्तक में पारिवारिक कानून की चर्चा की है,जिसमें जनजातीय थारू एवं बुक्सा के रीति रिवाजों का विधिवत अध्ययन किया।इसके पश्चात एस डी सनवाल द्वारा रचित पुस्तक सोशल स्ट्रैटिफिकेशन ऑफ कुमाऊं का विस्तार पूर्वक चर्चा की है।उक्त दो पुस्तकों में प्रथागत कानून को यूसीसी एक्ट में आत्मसात किया गया है।राजनीति विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर एवं आयोजक सदस्य डॉ अमित गुप्ता ने यूसीसी एक्ट पर विस्तारपूर्वक चर्चा की,और कहा कि यूसीसी एक्ट प्रासंगिक है,इसकी तारीफ होनी चाहिए। डॉ गुप्ता ने एक्ट की विभिन्न धाराओं का जिक्र करते हुए कहा कि यूसीसी एक्ट में कुछ प्रावधान जुड़ने चाहिए।वेबिनार के अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ डी एस नेगी जी ने तमाम शिक्षकविद,कर्मचारिकगण एवं अतिथिगणों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित किया।इस अवसर पर डॉ सीमा पुंडीर, डॉ डी एस मेहरा, डॉ धीरेन्द्र धारियाल,नेहा,शोधार्थी प्रदीप दर्शन,गौरांग पुनेरा,निलिशा थापा,हिमांशु कुमार, बी ए द्वितीय सेमेस्टर के छात्र छात्रों में अंजली तोमर,विदेश चौहान,पुरोला के ग्राम विकास अधिकारी मनीष सहगल,असिस्टेंट प्रोफेसर अविनाश भट्ट आदि शामिल रहे!