धर्म-संस्कृति – Uttrakhand Express https://uttrakhandexpress.com Uttrakhand News Tue, 19 Nov 2024 10:32:17 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://uttrakhandexpress.com/wp-content/uploads/2023/12/cropped-utrakhandexpress-news-logo-transperent-32x32.png धर्म-संस्कृति – Uttrakhand Express https://uttrakhandexpress.com 32 32  रौंतल में केदारनर्सिंग जात्रा महोत्सव व श्रीमद्भागवत महापुराण का हुआ समापन https://uttrakhandexpress.com/uttarakhand/uttarkashi-658/ https://uttrakhandexpress.com/uttarakhand/uttarkashi-658/#respond Tue, 19 Nov 2024 10:32:17 +0000 https://uttrakhandexpress.com/?p=54299   जयप्रकाश बहुगुणा  चिन्यालीसौड़ /उत्त्तरकाशी चिन्यालीसौड़ के ग्राम सभा रौंतल में केदारनर्सिंग मंदिर प्रांगड़ में चल रहा केदारनर्सिंग जात्रा मोहत्सव और श्रीमद्भागवत महापुराण का समापन हो गया है। केदारनर्सिंग मंदिर…

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जयप्रकाश बहुगुणा 

चिन्यालीसौड़ /उत्त्तरकाशी

चिन्यालीसौड़ के ग्राम सभा रौंतल में केदारनर्सिंग मंदिर प्रांगड़ में चल रहा केदारनर्सिंग जात्रा मोहत्सव और श्रीमद्भागवत महापुराण का समापन हो गया है।

केदारनर्सिंग मंदिर ट्रस्ट और ग्राम, क्षेत्रवासियों द्वारा आयोजित इस जात्रा महोत्सव का सुभारम्भ कलश यात्रा के साथ 11 नवम्बर से हुआ जिसके बाद 7 दिन का भागवत महापुराण का आयोजन किया गया। वृन्दावन से कथा वक्ता संत लावदास महाराज ने 7 दिनों तक क्षेत्र की जनता को श्रीमद्भागवत सुनाई।

ट्रस्ट के संयोजक गोपाल प्रकाश मिश्रा और सचिव सुंदर नारायण मिश्रा ने बताया कि यह आयोजन प्रवासियों को साथ लेकर केदारनर्सिंग मंदिर का भव्य नवनिर्माण को लेकर रखा था।

कार्यक्रम में यमनोत्री विधायक संजय डोभाल,जिलापंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण,पूर्व विधायक केदार सिंह रावत ने शिरकत की । सभी ने मंदिर निर्माण के लिए हर संभव सहायता करने का आश्वाशन दिया।

कार्यक्रम में ट्रस्ट के अध्यक्ष गया प्रसाद मिश्रा,शशिकांत मिश्रा ,कोषाध्यक्ष नरेश चन्द्र मिश्रा उपाध्यक्ष, नत्थी राम मिश्रा, अध्यक्ष मन्दिर निर्माण समिति उपस्थित रहे ।

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उत्तराखंड चारधाम यात्रा : शीतकाल के लिए बंद हुए बद्रीनाथ धाम के श्री कपाट, हजारों की संख्या में रहे श्रद्धालु मौजूद https://uttrakhandexpress.com/uttarakhand/chamoli-92/ https://uttrakhandexpress.com/uttarakhand/chamoli-92/#respond Sun, 17 Nov 2024 16:42:10 +0000 https://uttrakhandexpress.com/?p=54276     उत्तराखंड Express ब्यूरो  बद्रीनाथ धाम / चमोली जय श्री बदरीविशाल के उदघोष के साथ विधि-विधान से आज 17 नवंबर, रात्रि को 9 बजकर 07 मिनट पर श्री बदरीनाथ…

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उत्तराखंड Express ब्यूरो 

बद्रीनाथ धाम / चमोली

जय श्री बदरीविशाल के उदघोष के साथ विधि-विधान से आज 17 नवंबर, रात्रि को 9 बजकर 07 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए है। हजारों श्रद्धालु कपाट बंद के दिन धाम में मौजूद रहे। 18 नवंबर प्रात: देव डोलियां योग बदरी पांडुकेश्वर तथा जोशीमठ प्रस्थान करेगी। योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में 19 नवंबर से शीतकालीन पूजाएं शुरू होंगी।

सेना के बैंड की मधुर धुनों और बोल बदरी विशाल जी की जयकारे के साथ बन्द हो गए भू बैकुंठ नगरी श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट, बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने से पूर्व श्री बदरी विशाल जी को ओढ़ाया गया आस्था और आत्मीयता से बुना गया घृत कंबल, माता महा लक्ष्मी को रखा गया श्री बदरी विशाल जी के सानिध्य में, इससे पूर्व श्री उद्धव जी और कुबेर जी को दूसरे द्वार से मंदिर परिसर में लाया गया, ठीक रात्रि 9बजकर 07 मिनट पर भगवान श्री बदरी विशाल जी के मंदिर के श्री कपाट विधि विधान पूर्वक शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।अब आज से जगत पालन हार श्री हरी नारायण प्रभु की नित्य पूजा अर्चना का दायित्व शेष 6 माह के शीतकाल हेतु देवताओं द्वारा संपादित किया जाएगा, वहीं उद्धव जी और कुबेर जी की देव डोलियां कल प्रातः काल बाद पांडु नगरी पांडुकेश्वर अपने शीतकालीन प्रवास के लिए रवाना हो जाएंगे।

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उत्तरकाशी : बौख टिब्बा में होने वाले “बौखनाग देवता के मेले” के दृष्टिगत पुलिस, प्रशासन व वन विभाग की टीम ने किया निरीक्षण https://uttrakhandexpress.com/uttarakhand/uttarkashi-654/ https://uttrakhandexpress.com/uttarakhand/uttarkashi-654/#respond Sun, 17 Nov 2024 12:39:25 +0000 https://uttrakhandexpress.com/?p=54272   जयप्रकाश बहुगुणा  बड़कोट /उत्तरकाशी आगामी 25 व 26 नवम्बर 2024 को राड़ी टॉप, बौख टिब्बा में होने वाले “बौखनाग देवता के मेले” के दृष्टिगत आज रविवार को पुलिस उपाधीक्षक…

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जयप्रकाश बहुगुणा 

बड़कोट /उत्तरकाशी

आगामी 25 व 26 नवम्बर 2024 को राड़ी टॉप, बौख टिब्बा में होने वाले “बौखनाग देवता के मेले” के दृष्टिगत आज रविवार को पुलिस उपाधीक्षक बड़कोट सुरेन्द्र सिंह भण्डारी के नेतृत्व में उत्तरकाशी पुलिस, राजस्व एवं वन विभाग की टीम द्वारा स्थानीय लोगों के साथ बौख टिब्बा में मेला स्थल का भौतिक निरीक्षण कर सुरक्षा एवं मेले से सम्बंधित व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया।
समुद्र सतह से करीब तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित बौख टिब्बा का प्राकृतिक सौंदर्य देखने लायक है। गंगा और यमुना के बीच बसा बौखधाम (बौख टिब्बा) भगवान बाबा बौखनाग को समर्पित है यह स्थान उत्तरकाशी यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग राडी टॉप के पास स्थित है, यह बेहद सुंदर एवं रमणीय स्थल है। देवदार, बांज, बुरांश आदि पेड़ पौधों से घिरे स्थल, बौख टिब्बा में हर तीसरे साल ग्यारह गते मंगसीर को स्थानीय लोगों द्वारा बौख नागदेवता का मेला बड़े धूमधाम एवं आस्था के साथ आयोजित किया जाता है। हजारों की तादाद में श्रद्धालु मेले में शामिल होते हैं। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार सच्चे मन से नंगे पांव इस मेले में शामिल होने वाले नवदंपत्ति एवं संतान विहीन लोगों की संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी होती है। दर्जनों नवदंपत्ति एवं संतानहीन लोग संतान की कामना के साथ नंगे पैर ही खड़ी चढ़ाई चढ़कर बौख टिब्बा पहुँचते हैं। मेले से एक दिन पहले बौख टिब्बा के नीचे स्थान मोराल्टू में रात्रि में बौखनाग देवता का जागरण होता है।

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*जय श्री बदरीविशाल के उदघोष के साथ विधि-विधान से आज रात्रि को 9 बजकर 07 मिनट पर ब़ंद होंगे श्री बदरीनाथ धाम के कपाट* https://uttrakhandexpress.com/uttarakhand/chamoli-91/ https://uttrakhandexpress.com/uttarakhand/chamoli-91/#respond Sun, 17 Nov 2024 10:04:12 +0000 https://uttrakhandexpress.com/?p=54260   उत्तराखंड Express ब्यूरो  श्री बदरीनाथ धामः विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आज रविवार 17 नवंबर को सेना के भक्तिमय बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ विधि- विधान…

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उत्तराखंड Express ब्यूरो 
श्री बदरीनाथ धामः

विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आज रविवार 17 नवंबर को सेना के भक्तिमय बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ विधि- विधान से जय बदरीविशाल के उदघोष के साथ आज रात्रि 9 बजकर 07 बजे शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे । आज कपाट बंद होने के दिन अभी तक साढ़े सात हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए है।इस दौरान बदरीनाथ धाम में पहाड़ियों पर बर्फ देखी जा सकती है जिससे सुबह शाम सर्द बयारें चल रही है कपाट बंद होने हेतु श्री बदरीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश ने मंदिर को फूलों से सजाया है।
स्थानीय लोक कलाकारों तथा महिला मंगल दल बामणी, पांडुकेश्वर द्वारा स्थानीय लोकनृत्य तथा जागर आदि का आयोजन किया जाएगा दानीदाताओं तथा सेना ने श्रद्धालुओं के लिए भंडारों का आयोजन किया है श्री बदरीनाथ धाम में मौसम साफ है शाम सुबह सर्दी है तीर्थयात्रियों की चहल-पहल कपाट बंद होने के अंतिम दिन तक बनी हुई है।

श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने अपने संदेश में यात्रा समापन के अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है तथा श्री बदरीनाथ यात्रा से जुड़े सभी विभागों संस्थाओं का आभार जताया है।

बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने यात्रा समापन अवसर पर सभी श्रद्धालुओं का धन्यवाद ज्ञापित किया है।

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने श्री बदरीनाथ धाम यात्रा समापन के अवसर पर भगवान बदरीविशाल के दर्शन किये तथा कहा कि प्रशासन तथा मंदिर समिति के समन्वयन से श्री बदरीनाथ यात्रा कुशलतापूर्वक संपन्न हो रही है रिकार्ड संख्या में तीर्थयात्री पहुंचे है। श्री बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान का कार्य तेजी से चल रहा है जिससे तीर्थयात्रियों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।

बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि इस यात्रा वर्ष श्री बदरीनाथ धाम यात्रा का सफल समापन हो रहा है सवा चौदह लाख से अधिक संख्या में तीर्थयात्रियों ने बदरीनाथ धाम के दर्शन किये हैं
मंदिर समिति ने तीर्थयात्रियों के सरल सुगम दर्शन व्यवस्था की।

कपाट बंद होने के दिन आज शाम शयन आरती पूजा अर्चना शुरू होने से पहले शाय: तक श्रद्धालु दर्शन‌ करेंगे दिन में भोग के बाद मंदिर बंद नही हुआ।तथा रात्रि 7.30 बजे से कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी। रावल अमरनाथ नंबूदरी धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट, अमित बंदोलिया ने कपाट बंद करने की प्रक्रिया पूरी करेंगे ।श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी श्री बदरीनाथ मंदिर गर्भ गृह से बाहर आयेंगे तथा इसके बाद रावल अमरनाथ नंबूदरी स्त्री रूप धारणकर मां लक्ष्मी को मंदिर गर्भ गृह में विराजममान करेंगे।

तत्पश्चात रात्रि सवा 8 बजे भगवान बदरीविशाल को माणा महिला मंगल दल द्वारा बुनकर तैयार किया गया घृत कंबल औढाया जायेगा उसके बाद रात 9 बजकर 07 मिनट रावल अमरनाथ नंबूदरी द्वारा श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंदकर दिये जायेंगे।

उल्लेखनीय है कि बुधवार 13 नवंबर से पंचपूजाएं शुरू हो गयी थी पंच पूजाओं के अंतर्गत पहले दिन भगवान गणेश की पूजा हुई, शाम को इसी दिन भगवान गणेश के कपाट बंद हो गये। दूसरे दिन बृहस्पतिवार 14 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर तथा शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद हुए। तीसरे दिन शुक्रवार 15 नवंबर को खडग पुस्तक पूजन तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो गया।चौथे दिन शनिवार 16 नवंबर मां लक्ष्मी जी का कढ़ाई भोग चढाया गया। आज रविवार 17 नवंबर को रात 9 बजकर 07 मिनट पर श्री बदरीनाथ घाम के कपाट बंद हो जायेंगे।

यहां यह भी विदित है कि कपाट बंद होने की तिथि तय होने के कार्यक्रम विजयदशमी सोमवार 12 अक्टूबर बदरीनाथ धाम की आगामी या़त्रा के लिए हकहकूकधरियों को श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने पगड़ी भेंटकर यात्रा वर्ष 2025 के लिए भंडार की जिम्मेदारी दी गयी थी गयी। इसी दिन श्री बदरीनाथ धाम के कपाट के बंद होने के कार्यक्रम के अलावा श्री कुबेर जी श्री उद्धव जी के योग बदरी पांडुकेश्वर प्रस्थान तथा रावल जी तथा आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी के जोशीमठ प्रस्थान का कार्यक्रम घोषित किया गया था।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने बताया कि आज 17 नवंबर रविवार रात्रि को भगवान बदरीविशाल के कपाट बंद होने के बाद कल सोमवार प्रात:18 नवंबर सोमवार को 10 बजे श्री उद्धवजी श्री कुबेर जी एवं रावल जी सहित आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी योग बदरी पांडुकेश्वर प्रस्थान करेगी।
श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी शीतकाल में पांडुकेश्वर प्रवास करेंगे तथा 18 नवंबर को पांडुकेश्वर प्रवास के बाद 19 नवंबर को आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी रावल धर्माधिकारी वेदपाठी सहित श्री नृसिह मंदिर जोशीमठ प्रस्थान करेगी। इसके बाद योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजायें भी शुरू हो जायेगी।

इससे पहले लेखाकार भूपेंद्र रावत, संदेश मेहता, प्रदीप भट्ट की देखरेख में भगवान बदरीविशाल के खजाने के साथ श्री गरूड़ जी 18 नवंबर सोमवार को श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेंगे।

आज श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के दिन कोटद्वार विधायक दिलीप रावत,स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती,श्री बदरीनाथ’ केदारनाथ मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार, जिलाधिकारी संदीप तिवारी मंदिर समिति सदस्य वीरेंद्र असवाल, पुष्कर जोशी, आशुतोष डिमरी, भास्कर डिमरी बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, उपजिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ,अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी,मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, नायब रावल सूर्यराग नंबूदरी, ईओ नगर पंचायत सुनील पुरोहित, थाना प्रभारी नवनीत भंडारी ,प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट राजेंद्र सेमवाल,मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, विनोद डिमरी, पीताम्बर मोल्फा,अजीत भंडारी,योगंबर नेगी,अजय सती, अनसूया नौटियाल, दिनेश भट्ट सहित मंदिर समिति के सभी अधिकारी कर्मचारी, डिमरी पंचायत प्रतिनिधि,हक हकूहकधारी एवं बड़ी संख्या में तीर्थयात्री मौजूद रहेंगे।

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उत्तरकाशी : रामलीला हमारे संस्कार,संस्कृति और श्रद्धा का प्रतीक : – विजयपाल सजवाण https://uttrakhandexpress.com/uttarakhand/uttarkashi-649/ https://uttrakhandexpress.com/uttarakhand/uttarkashi-649/#respond Mon, 11 Nov 2024 23:08:34 +0000 https://uttrakhandexpress.com/?p=54236 जयप्रकाश बहुगुणा उत्तरकाशी उत्तरकाशी के विकासभवन परिसर, लदाड़ी में आयोजित भव्य रामलीला में गंगोत्री के पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण सहित अनेक गणमान्य अतिथि सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होंने भगवान…

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जयप्रकाश बहुगुणा

उत्तरकाशी

उत्तरकाशी के विकासभवन परिसर, लदाड़ी में आयोजित भव्य रामलीला में गंगोत्री के पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण सहित अनेक गणमान्य अतिथि सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होंने भगवान रामचंद्र से क्षेत्र की खुशहाली की कामना करते हुए सभी पर उनकी कृपा बनी रहने की प्रार्थना की। कार्यक्रम के दौरान आयोजक समिति द्वारा पूर्व विधायक का जोरदार स्वागत व सम्मान किया गया। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर लीला का शुभारंभ किया और अपने संबोधन में सांस्कृतिक आयोजनों की महत्ता पर विचार साझा किए।विजयपाल सजवाण ने कहा कि ऐसे सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन हमारे समाज में एकता, आस्था और आदर्शों को जीवंत बनाए रखने का कार्य करते हैं। उन्होंने स्थानीय कलाकारों द्वारा भगवान श्रीराम की लीलाओं के सजीव चित्रण की सराहना की और इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बताया। उन्होंने कहा कि मंच पर रामायण के आदर्श और भगवान राम की मर्यादाओं को जीवंत होते देखना एक अनूठा एहसास है।उन्होंने आयोजक समिति को इस अद्वितीय आयोजन के लिए साधुवाद दिया और कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद समिति ने हर वर्ष रामलीला का आयोजन अपनी लगन और निष्ठा से किया है, जो वाकई प्रशंसा योग्य है। शुरुआती समय में जब साधन सीमित थे, तब भी इस समिति ने धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रखा और समाज को एक प्रेरणा दी।

विजयपाल सजवाण ने समिति के सदस्यों और कलाकारों के कठिन परिश्रम और उत्साह की सराहना करते हुए कहा कि यह रामलीला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों का प्रतीक बन चुकी है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रवासियों के लिए यह आयोजन धर्म और संस्कृति के प्रति प्रेरणा का स्रोत है, जो युवाओं को हमारी प्राचीन धरोहर से जोड़ने का कार्य करता है।उन्होंने उम्मीद जताई कि लदाड़ी की रामलीला हर वर्ष इसी भव्यता के साथ सफलतापूर्वक संपन्न होती रहेगी और भगवान श्री राम का आशीर्वाद सभी पर बना रहेगा। इस पावन अवसर पर उनके साथ भाजपा जिला महामंत्री नागेंद्र चौहान, मंडल अध्यक्ष चन्दन सिंह राणा, निवर्तमान सभाषद बुद्धि सिंह, अजीत गुसाईं, पूर्व क्षेत्र पंचायत राजकेंद्र थनवान, अध्यापक रामप्रकाश रावत, बालशेखर नौटियाल, धर्मेंद्र रावत, प्रताप प्रकाश पंवार, भगवान चंद, गिरीश भट्ट, रोशन लाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं क्षेत्र के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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उत्तरकाशी : राजेंद्र सिंह रावत राजकीय महाविद्यालय में सेवा दिवस के रूप में मनाया गया राज्य स्थापना दिवस https://uttrakhandexpress.com/uttarakhand/uttarkashi-646/ https://uttrakhandexpress.com/uttarakhand/uttarkashi-646/#respond Sun, 10 Nov 2024 08:36:46 +0000 https://uttrakhandexpress.com/?p=54220   जयप्रकाश बहुगुणा  बड़कोट /उत्तरकाशी   राजेंद्र सिंह रावत राजकीय महाविद्यालय ,बड़कोट में उत्तराखंड सरकार से प्राप्त निर्देशों के क्रम में उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस को सेवा दिवस के रूप…

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जयप्रकाश बहुगुणा 

बड़कोट /उत्तरकाशी

 

राजेंद्र सिंह रावत राजकीय महाविद्यालय ,बड़कोट में उत्तराखंड सरकार से प्राप्त निर्देशों के क्रम में उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस को सेवा दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की एन एस एस , एन सी सी एवं रोवर रेंजर ईकाई द्वारा राजकीय चिकित्सालय बड़कोट में अस्पताल में उपचाराधीन रोगियों को फल वितरण किया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवियों द्वारा श्रीमती संगीता रावत के नेतृत्व में रोगियों का हालचाल पूछा गया तथा फल वितरित किए गए। एन सी सी के कैडेट्स ने श्री विनय शर्मा के निर्देशन में चिकित्सालय में उपस्थित सभी रोगियों को फल वितरित किए गए। रोवर रेंजर इकाई की रेंजर द्वारा रेंजर लीडर डॉ अंजु भट्ट के दिशा निर्देशन में समस्त रोगियों, महिलाओ एवं वृद्ध जनों को फल वितरित कर उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की गई। इस कार्यक्रम से छात्र छात्राओ को समाज के प्रति अपना दायित्व निर्वहन करने की प्रेरणा मिली। सभी छात्रों ने एकजुट होकर इस कार्यक्रम में प्रतिभाग कर सामाजिक सरोकारों के प्रति महाविद्यालय की प्रतिबद्धता को जनमानस के समक्ष रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम के प्रेरणा स्रोत
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विनोद कुमार ने छात्रों को समाजसेवा से जुड़े इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करने पर अपना आशीर्वाद देते हुए उन्हें भविष्य में भी इसी तरह के कार्यों में प्रतिभाग करने के लिए प्रेरित किया।

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तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट शीतकाल के लिए बंद हुए,  इस यात्रा वर्ष पौने दो लाख श्रद्धालु पहुंचे श्री तुंगनाथ, पांच सौ से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने https://uttrakhandexpress.com/uttarakhand/rudrapryag-41/ https://uttrakhandexpress.com/uttarakhand/rudrapryag-41/#respond Mon, 04 Nov 2024 07:37:46 +0000 https://uttrakhandexpress.com/?p=54180     उत्तराखंड Express ब्यूरो  श्री तुंगनाथ/ उखीमठ/रूद्रप्रयाग:   पंचकेदारों में प्रतिष्ठित तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट आज पूर्वाह्न 11 बजे शुभ मुहूर्त पर विधि- विधान से शीतकाल…

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उत्तराखंड Express ब्यूरो 

श्री तुंगनाथ/ उखीमठ/रूद्रप्रयाग:

 

पंचकेदारों में प्रतिष्ठित तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट आज पूर्वाह्न 11 बजे शुभ मुहूर्त पर विधि- विधान से शीतकाल के लिए बंद हो गये है। इस अवसर पर मंदिर को सजाया गया था।
कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ जी की उत्सव डोली ने स्थानीय वाद्य यंत्रों ढोल- दमाऊं सहित बाबा तुंगनाथ के जय उदघोष के साथ प्रथम पड़ाव चोपता को प्रस्थान किया इस अवसर पर पांच सौ से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे।

श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के अवसर पर अपने संदेश में श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी। उन्होंने बताया कि इस यात्रा वर्ष एक लाख सत्तर हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने भगवान तुंगनाथ जी के दर्शन किये। बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने भी कपाट बंद होने अवसर पर श्रद्धालुओं को अपनी शुभकामनायें प्रेषित की हैं ।

कपाट बंद होने के एक दिन पहले 3 नवंबर को श्री तुंगनाथ मंदिर में यज्ञ- हवन किया गया था आज 4 नवंबर प्रात: साढ़े चार बजे मंदिर खुल गया था
प्रात कालीन पूजा के पश्चात श्रद्धालुओं ने भगवान तुंगनाथ जी के दर्शन किये। ठीक दस बजे से मंदिर गर्भगृह में कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू हुई।

भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को श्रृंगार रूप से समाधि स्वरूप में ले जाया गया। शिवलिंग को स्थानीय पुष्पों, फल पुष्पों , अक्षत से ढक दिया गया।
इसके बाद मठापति रामप्रसाद मैठाणी, प्रबंधक बलबीर नेगी डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित,की उपस्थिति में पुजारी अतुल मैठाणी तथा अजय मैठाणी ने तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद किये।

कपाट बंद होने के बाद मंदिर समिति कर्मचारियों तथा श्रद्धालुओं के साथ मंदिर की परिक्रमा पश्चात अखोड़ी और हुडु गांव के हक-हकूकधारी भगवान तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली के साथ चोपता को प्रस्थान हुए।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 4 नवंबर सोमवार को भगवान तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली चोपता प्रवास करेगी।
5 नवंबर तथा 6 नवंबर को चलविग्रह डोली दूसरे पड़ाव भनकुन प्रवास करेगी।
7 नवंबर को भगवान तुंगनाथ जी की चलविग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में विराजमान हो जायेगी।
इसी के साथ श्री मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में भगवान तुंगनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेगी।

आज कपाट बंद होने के अवसर पर मठापति रामप्रसाद मैठाणी, प्रबंधक बलबीर नेगी,डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित सहित पुजारीगण रवीन्द्र मैठाणी, विनोद मैठाणी, चंद्रमोहन बजवाल,दिलवर नेगी, दीपक पंवार,जीतपाल भंडारी, उम्मेद थोर, नरेंद्र भंडारी एवं वन विभाग, पुलिस प्रशासन के प्रतिनिधि, दस्तूरधारी तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद रहे।

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उत्तरकाशी : यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम के कपाट बंद होते ही चारधाम यात्रा का मौजूदा सत्र सकुशल संपन्न,तीस दिन का यात्राकाल कम होने के बावजूद इस साल यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि* https://uttrakhandexpress.com/uttarakhand/uttarkashi-638/ https://uttrakhandexpress.com/uttarakhand/uttarkashi-638/#respond Sun, 03 Nov 2024 11:05:31 +0000 https://uttrakhandexpress.com/?p=54166   जयप्रकाश बहुगुणा  उत्तरकाशी यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट बंद होते ही चारधाम यात्रा का वर्तमान सत्र सकुशल संपन्न हो गया है। इस साल का यात्राकाल पिछले साल की…

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जयप्रकाश बहुगुणा 

उत्तरकाशी

यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट बंद होते ही चारधाम यात्रा का वर्तमान सत्र सकुशल संपन्न हो गया है। इस साल का यात्राकाल पिछले साल की तुलना में तीस दिन कम होने के बावजूद इन दोनों धामों में इस बार श्रद्धालुओं की दैनिक औसत संख्या 713 बढी है। समान अवधि की तुलना करने पर भी इस बार दोनों धामों में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में लगभग डेढ लाख की वृद्धि हुई है।

गत वर्ष 22 अप्रैल 2023 को कपाटोद्घाटन के बाद गंगोत्री धाम के कपाट 14 नवंबर 2023 को और यमुनोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर 2023 को बंद हुए थे। इस प्रकार गत वर्ष गंगोत्री में कुल 207 दिन और यमुनोत्री में 208 दिन की यात्रा अवधि रही। इस साल गत 10 मई 2024 को कपाट खुलने के बाद 177 दिनों के अवधि के बाद गंगोत्री के कपाट गत दिन बंद हुए हैं और आज 178 दिनों के बाद यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इस प्रकार पिछले साल यात्रा की अवधि इस बार से तीस दिन अधिक थी।

इस वर्ष इन गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में कुल 1530028 तीर्थयात्रियों का पदार्पण हुआ और इन दोनेां धामों में यात्रियों का दैनिक औसत 8620 रहा है। जबकि गत वर्ष 30 दिन अधिक अवधि के यात्राकाल में इन दोनों धामों में कुल 1640701 श्रद्धालुओं का आगमन हुआ था और प्रतिदिन औसतन 7907 तीर्थयात्रियों की आमद हुई थी। इस प्रकार इस साल जिले में प्रतिदिन औसतन 713 यात्री अधिक आए हैं।
इस वर्ष की कपाटोद्घाटन की तिथि 10 मई से लेकर कपाटबंदी की तिथि 2/3 नवंबर तक पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 149914 यात्री अधिक पहॅुंचे हैं। पिछले साल 10 मई से लेकर 2/3 नवंबर तक दोनों धाम में कुल 1380114 यात्री आए थे। गंगोत्री धाम में इस बार 815273 तथा यमुनोत्री धाम में 714755 श्रद्धालुओं का पदार्पण हुआ है, जबकि पिछले साल इसी दौरान गंगोत्री में 764394 और यमुनोत्री में 615720 तीर्थयात्री आए थे। इस प्रकार तीर्थयात्रियों की आमद में पिछले साल की तुलना में समान अवधि में गंगोत्री में इस बार 100518 तथा यमुनोत्री में 99035 की वृद्धि हुई है।

चारधाम यात्रा के सुचारू, सुरक्षित और सुव्यवस्थित संचालन के फलस्वरूप इस बार जिले में अवस्थित दोनों धामों में तीर्थयात्रियों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है। शुरूआती दौर में भारी भीड़ उमड़ आने के कारण सामने आई चुनौतियों का सफलतापूर्वक समाधान करते हुए प्रशासन के द्वारा यात्रा का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया गया। जिसके चलते इस बार अधिक यात्रियों की आमद के साथ यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न हो गई। मानसून काल में सड़कों को सुचारू बनाए रखने के लिए संवेदनशील जगहों पर बड़ी संख्या में मशीनों व अन्य संसाधनों की तैनाती करने के फलस्वरूप इस बार यात्रा बाधित नहीं हुई। प्रशासन के द्वारा यात्री सुविधाओं और सुरक्षा को प्रमुखता दिए जाने के कारण यात्रा मार्गों पर दुर्घटनाओं की घटनाएं भी इस बार काफी कम रही और कोई भी बड़ा हादसा नहीं हुआ।

जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिले में चारधाम यात्रा को सकुशल व सफलतापूर्वक संपन्न कराने में विभिन्न विभागों व संगठनों के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ ही मंदिर समिति के पदाधिकारियों, तीर्थ पुरोहितों, स्थानीय नागरिकों, यात्रा व्यवसायों से जुड़े लोगों, घोड़ा-खच्चर व डंडी-कंडी संचालकों, होटल-होम स्टे-रेस्टोंरेट संचालकों, आश्रमों व भंडारों के व्यवस्थापकों, परिवहन सेवा प्रदाताओं, सुरक्षा व्यवस्था व स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कार्मिकों, मीडिया कर्मियों सहित तमाम लोगों द्वारा प्रदान किए गए सहयोग हेतु आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि आगामी चारधाम यात्रा को और अधिक सुगम, सुरक्षित व सुव्यवस्थित ढंग से संपादित करने के लिए यात्रा व्यवस्था से जुड़े सभी लोगों को प्रतिबद्धता से प्रयासरत रहना होगा और अगली यात्रा की तैयारियों में अभी से जुटना होगा।

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उत्तरकाशी : शीतकाल के लिए बंद हुए यमुनोत्री धाम के कपाट https://uttrakhandexpress.com/uttarakhand/uttarkashi-637/ https://uttrakhandexpress.com/uttarakhand/uttarkashi-637/#respond Sun, 03 Nov 2024 06:56:02 +0000 https://uttrakhandexpress.com/?p=54162   जयप्रकाश बहुगुणा बड़कोट /उत्तरकाशी विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट आज भैया दूज के पावन पर्व पर 12 बजकर 5 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ…

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जयप्रकाश बहुगुणा

बड़कोट /उत्तरकाशी

विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट आज भैया दूज के पावन पर्व पर 12 बजकर 5 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इसके बाद शीतकाल में छह माह तक मां यमुना के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में किए जाएंगे।

भैया दूज के पर्व पर रविवार को सुबह शनि देव की डोली पारंपरिक बाध्य यंत्रो के साथ खरसाली गांव से मां यमुना की डोली लेने यमुनोत्री धाम पहुंची। जहां तीर्थ पुरोहितों द्वारा विधिवत हवन पूजा अर्चना के बाद पंचांग गणना अनुसार विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट अभिजित मुहूर्त में 12 बजकर 5 मिनट पर मकर लग्न अनुराधा नक्षत्र एवं सौभाग्य योग में शीतकाल के लिए बंद कर दिए। इसके बाद शनि देव की डोली की अगुवाई में मां यमुना की उत्सव डोली यमुनोत्री धाम से यमुना के जयकारों के साथ अपने शीतकालीन प्रवास खुशीमठ के लिए रवाना हुई तथा खुशीमठ पहुंचकर मां यमुना खुशीमठ में स्थित यमुना मंदिर में विराजमान हई। इसके बाद देश विदेश से आने वाले श्रद्धालु मां यमुना के दर्शन छह माह तक उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ में ही कर सकेंगे तथा 6 महीने बाद अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर मां यमुना के कपाट ग्रीष्मकल के लिए पुनः खोल दिए जाएंगे।

इस मौके पर यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल, एसडीएम/अध्यक्ष मंदिर समिति बृजेश कुमार तिवारी, सचिव मंदिर समिति सुरेश उनियाल, अध्यक्ष पुरोहित महासभा पुरूषोतम उनियाल, महावीर पंवार सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।

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यमुनोत्री: भैया दूज को यमुना में स्नान करने से यम यातना से मिलती है  मुक्ति https://uttrakhandexpress.com/uttarakhand/yamunotri-uttarkashi/ https://uttrakhandexpress.com/uttarakhand/yamunotri-uttarkashi/#respond Sun, 03 Nov 2024 06:45:47 +0000 https://uttrakhandexpress.com/?p=54157 – भैया दूज को यमुनोत्री पहुंचकर बहनें करती हैं भाईयों की लंबी उम्र की कामना – इसी दिन शीतकाल के छह माह के लिए बंद किये जाते हैं यमुनोत्री धाम…

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– भैया दूज को यमुनोत्री पहुंचकर बहनें करती हैं भाईयों की लंबी उम्र की कामना
– इसी दिन शीतकाल के छह माह के लिए बंद किये जाते हैं यमुनोत्री धाम के कपाट

उत्तराखंड एक्सप्रेस ब्यूरो
यमुनोत्री (उत्तरकाशी)

भैयादूज के पावन पर्व पर यमुनोत्री धाम में यमुना नदी में स्नान करने एवं पूजा-अर्चना का अपना विशेष महत्व है। मान्यता है कि भैयादूज अर्थात यम द्वितीया के इस पर्व पर यमुना में स्नान व पूजा-अर्चना करने से यम यातना से मुक्ति मिलती है। इस दिन देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यमुनोत्री धाम में पूजा-अर्चना तथा यमुना में स्नान करने पहुंचते हैं।

भैयादूज का दिन भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक है। यह पर्व रक्षा बंधन के पर्व से भी पहले से सनातनी संस्कृति का हिस्सा रहा है। इस दिन भाई-बहन यमुनोत्री धाम पहुंचकर भाई एवं बहन अपने-अपने रिश्तों को जन्म-जन्मांतर तक बरकरार रखने की एवं उनके जीवन में खुशहाली की कामना करते हैं। प्रेमी का प्रतीक भाई दूज का पर्व यहां प्रत्येक वर्ष परंपरागत ढंग से मनाया जाता है। भैयादूज के पावन पर्व पर यमुनोत्री धाम में यम यातना से मुक्ति के लिए श्रद्धालु यमुनोत्री धाम में पहुंचकर यमुना में स्नान कर पूजा-अर्चना करते हैं। इसदिन एक दूसरे की मंगल कामनाओं के लिए श्रद्धालु मां यमुना से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मान्यता है कि सूर्य ने तीनों लोकों के हित के लिए यमुनोत्री धाम में यमुना को पृथ्वी पर अवतरित कराया। उत्तर वाहिनी यमुना में स्नान करने का विशेष महत्व है और यमुनोत्री धाम में यमुना उत्तर वाहिनी है। जो समस्त पापों से विश्व को मुक्ति दिलाने वाली है। मान्यता है कि यमराज ने अपनी बहन यमुना को वरदान दिया है कि सनातन जगत में भैया दूज अर्थात कार्तिक शुक्ल द्वितीय को यम अपने सभी कार्यों को छोड़कर अपनी बहन यमुना को मिलने यमुनोत्री धाम पहुंचते हैं। तब से जो भाई-बहन इस पर्व के अवसर पर यमुनोत्री धाम में पहुंचते हैं और यमुना में स्नान कर इस पर्व को मनाते हैं, उनके रिश्ते जन्म-जन्मांतर के लिए भाई-बहन के प्रेम के बंधन में बंध जाते हैं। यमुनोत्री तीर्थ पुरोहित सुरेश उनियाल, जगमोहन उनियाल का कहना है कि यमुनोत्री धाम में यम द्वितीया के इस पर्व पर स्नान व पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। इस दिन यमुना में स्नान करने से यम यातना से मुक्ति मिलती है।

यमुना के मायके में स्वागत की तैयारियां पूरी

यमुनोत्री धाम के कपाट रविवार को विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए जायेंगे। इसके बाद अगले छह माह तक मां यमुना अपने शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में रहती है। यमुना के स्वागत के लिए खुशीमठ में तीर्थ पुरोहितों तथा श्रद्धालुओं द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। यमुना के पहुंचने पर खुशीमठ में इस दिन त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर ग्रामीण धूमधाम से लोक संगीत, लोकनृत्य रासो एवं तांदी नृत्य कार्यक्रम आयोजित कर मां यमुना का भव्य स्वागत करते हैं।

यमुना को लेने शनिदेव पहुंचते हैं यमुनोत्री धाम


भैया दूज को यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने से पहले खुशीमठ से शनिदेव की डोली यमुना को लेने यमुनोत्री धाम पहुंचेगी। रविवार को शनिदेव की डोली खुशीमठ से सुबह 08 बजे ढोल-नगाड़े के साथ यमुनोत्री धाम के लिए रवाना होगी तथा करीब 10 बजे यमुनोत्री धाम पहुंचेगी। जहां वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन, पूजा-अर्चना की जाएगी। जिसके बाद दोपहर को अभिजीत मुहूर्त पर सवा बारह बजे यमुनोत्री धाम के कपाट बंद किए जाएंगे और पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ शनि देव की डोली की अगुवाई में मां यमुना की उत्सव डोली खुशीमठ के लिए प्रस्थान करेगी। जहां श्रद्धालु मां यमुना का बड़े उत्साह के साथ भव्य स्वागत करेंगे तथा यमुना मंदिर में यमुना को स्थापित किया जाएगा। जिसके बाद अगले छह माह तक शीतकाल में यमुना के दर्शन देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं खुशीमठ (खरसाली) में करेंगे।

 

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