उत्तराखंड Express ब्यूरो
बबराला
डीएवी राष्ट्रीय खेलों में डीएवी फर्टिलाइज़र पब्लिक स्कूल, बबराला के छात्रों ने अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए 12 स्वर्ण पदक, 29 रजत पदक और 21 कांस्य पदक समेत कुल 62 पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। डीएवी समिति द्वारा आयोजित इन खेलों का आयोजन दिल्ली और नोएडा के 8 प्रमुख स्टेडियमों में किया गया। इन खेलों का उद्घाटन समारोह मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम दिल्ली में पद्मश्री शाइनी विल्सन (ओलम्पिक एथलेटिक्स), अर्जुन अवॉर्ड प्राप्त श्री अशोक कुमार, पैरालम्पिक खिलाड़ी सिमरन शर्मा समेत अनेक गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में डीएवी समिति के प्रधान पद्मश्री डॉ. पूनम सूरी के करकमलों से संपन्न हुआ। इस भव्य आयोजन में भारत के 28 राज्यों से 20,000 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
डीएवी बबराला के खिलाड़ियों ने प्रशिक्षक सतीश कुमार सिंह और श्रीमती सुमन कुमारी के मार्गदर्शन में फुटबॉल, नेटबॉल, एथलेटिक्स और मुक्केबाजी जैसे खेलों में शानदार प्रदर्शन किया। अंडर-14 गर्ल्स फुटबॉल में स्वर्ण और अंडर-19 गर्ल्स फुटबॉल में रजत पदक हासिल करना विशेष उपलब्धियों में से एक रहा। वहीं एथलेटिक्स में शिव प्रताप दूसरी बार राष्ट्रीय चैंपियन बनें।
इस ऐतिहासिक सफलता के उपलक्ष्य में विद्यालय प्रांगण में विजयी खिलाड़ियों के सम्मान में भव्य समारोह का आयोजन किया गया। प्रधानाचार्य श्री आनंद स्वरूप सारस्वत ने छात्रों को पदक और प्रमाणपत्र भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा, “हमारे छात्रों ने न केवल विद्यालय, बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। यह जीत उनकी मेहनत, अनुशासन और दृढ़ निश्चय का सजीव उदाहरण है। हमारा विद्यालय छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव प्रयास करता रहेगा।”
विद्यालय के चेयरमैन और यारा फर्टिलाइज़र फैक्ट्री के उपाध्यक्ष श्री एम एस प्रसाद ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि, “डीएवी राष्ट्रीय खेलों में हमारी टीम की यह ऐतिहासिक सफलता विद्यालय की खेल परंपरा और खिलाड़ियों के समर्पण का प्रमाण है। यह केवल पदकों की गिनती नहीं है, बल्कि हमारे क्षेत्र की पहचान और गौरव का प्रतीक है। हम छात्रों को और बेहतर प्रशिक्षण और सुविधाएँ प्रदान करेंगे, ताकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सफलता के नए आयाम स्थापित कर सकें।”
यह समारोह न केवल खिलाड़ियों के लिए, बल्कि पूरे विद्यालय परिवार के लिए गर्व और प्रेरणा का क्षण था। खिलाड़ियों ने अपनी सफलता का श्रेय विद्यालय की उत्कृष्ट खेल सुविधाओं, प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन और अपनी कड़ी मेहनत को दिया। डीएवी बबराला की यह उपलब्धि भविष्य में और भी बड़ी सफलताओं की नींव रखती है, जो विद्यालय और क्षेत्र दोनों को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी।