नई दिल्ली: भारतीय निशानेबाज विशेष कर पिस्टल निशानेबाज रविवार से दक्षिण कोरिया के चांगवोन में शुरू होने वाली एशियाई चैंपियनशिप में अगले साल पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए कोटा स्थान हासिल करने की कोशिश करेंगे। भारतीय निशानेबाजों ने अभी तक पेरिस ओलंपिक के लिए सात कोटा स्थान हासिल किए हैं लेकिन इनमें कोई भी पिस्टल निशानेबाज शामिल नहीं है।
ऐसे में सभी की निगाहें मनु भाकर, ईशा सिंह, रिदम सांगवान, पलक, अनीश भानवाला, विजयवीर सिद्धू और शिव नरवाल जैसे खिलाड़ियों पर टिकी रहेंगी। एशियाई चैंपियनशिप में कुल 24 कोटा स्थान दांव पर लगे होंगे और ऐसे में भारत के पास तोक्यो ओलंपिक के लिए हासिल किए गए 15 कोटा स्थान की संख्या को पार करने का मौका होगा। ऐसा करना हालांकि आसान नहीं होगा क्योंकि उसे प्रतियोगिता में उसे अन्य देशों के अलावा चीन, जापान और दक्षिण कोरिया से कड़ी चुनौती मिलेगी।
प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी देश का मुख्य लक्ष्य ओलंपिक कोटा हासिल करना ही होगा। भारतीय निशानेबाजों ने हालांकि की हाल में एशियाई खेलों में शानदार प्रदर्शन करके सात स्वर्ण पदक सहित कुल 22 पदक जीते थे और उनसे इस अच्छे प्रदर्शन को बरकरार रखने की उम्मीद की जा रही है। एशियाई खेलों की तुलना में एशियाई चैंपियनशिप के अधिक प्रतिस्पर्धी होने की संभावना है क्योंकि इसमें ओलंपिक कोटा दांव पर लगे हुए हैं।
पुरुष और महिला वर्ग में जहां सभी की निगाहें पिस्टल निशानेबाजों पर टिकी रहेंगी वहीं इस प्रतियोगिता से 10 मीटर एयर राइफल के निशानेबाज दिव्यांश सिंह पंवार, ट्रैप निशानेबाज पृथ्वीराज टोंडिमान, किनान चेनाई और जोरावर सिंह संधू को भी पेरिस ओलंपिक में जगह बनाने का मौका मिलेगा। भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने इस चैंपियनशिप में अधिकतर उन्हीं खिलाड़ियों को उतारा है जिन्होंने अभी तक ओलंपिक के लिए कोटा हासिल नहीं किया है।