उत्तराखंड Express ब्यूरो
कर्णप्रयाग (चमोली)
डा.शिवानंद नौटियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कर्णप्रयाग में भूगोल विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकों,कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं को महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. वी.एन. खाली ने हिमालय के संरक्षण एवं संवर्धन की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि हिमालय हमारा देश का मस्तक है।हमारे जीवन का आधार है।हिमालय की गगनचुंबी शिखर हमें नई ऊंचाई छूने की प्रेरणा देता है। हम सबको हिमालय के संरक्षण के हर संभव प्रयास करना होगा।
हिमालय दिवस पर भूगोल विभाग में आयोजित हुए कार्यक्रम मं छात्र एवं-छात्राओ द्वारा पोस्टर एवं भाषण प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया गया।जिसमे भूगोल विषय के छात्र एव छात्राओ ने बढ़चढ़कर भाग लिया।भूगोल विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम मे महाविद्यालय के प्राचार्य ने हिमालय के संरक्षण संवर्धन पर विस्तृत व्याख्यान दिया। बुलंदी संस्था के संस्थापक बादल बाजपुरी अन्तराष्ट्रीय कवि ने अपनी कविता एवं व्याख्यान के माध्यम से हिमालय संरक्षण पर अपनी बात रखी ।उन्होंने कहा कि हिमालय ही हमारी समृध्दि एवं उन्नति के लिए महत्वपूर्ण है।यदि हिमालय सुरक्षित है तो हम भी सुरक्षित है।इस क्षेत्र में हो रही मानवीय गतिविधियों व अनियोजित विकास को नियोजित ढंग से करना होगा,तभी हिमालय में पारिस्थितिक तंत्र सुरक्षित रहेगा।युवा कवयित्री अक्षिता रावत ने भी अपनी कविता के माध्यम से हिमालय की सुरक्षा का सन्देश दिया।
कार्यक्रम का संचालन विभागाध्यक्ष डा.आर. सी. भट्ट द्वारा किया गया।उन्होंने बताया कि इस वर्ष हिमालय दिवस की थीम “हिमालय का विकास दशा एवं दिशा” रखी गयी है।उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण हिमालय क्षेत्र संवेदनशील क्षेत्र है।उच्च हिमालय क्षेत्र में छेड़-छाड़ एवं आवाजाही पर रोक होनी चाहिए क्योंकि हिमालय क्षेत्र पारिस्थितिक तंत्र से जुड़ा हुआ है।इसकी सुरक्षा के प्रति हम सबकी जवाबदेही है।
महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा मुख्य वक्ता बादल बाजपुरी एवं अक्षिता रावत को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डा. अखिलेश कुकरेती,डा. एम.एस. कण्डारी,डा. राधा रावत,डा. इन्द्रेश कुमार पाण्डेय,डा.बी.सी.एस. नेगी,डा. नेहा तिवारी पाण्डेय,डा. नरेंद्र पंघाल सहित भूगोल विषय के समस्त छात्र एवं छात्रायें उपस्थित रहे।