उत्तराखंड Express ब्यूरो
देहरादन
अंतरार्ष्ट्रीय वक्ता, लेखक एवं शांति दूत श्री प्रेम रावत जी ने आज दहरादन के परेड ग्राउंड में हज़ारों श्रोताओं को सम्बोिधत िकया। प्रेम रावत जी ने दहरादन में िपछले कुछ वर्षो में आये बदलावों का उदाहरण देते हुए समझाया कि “इस संसार में सब कुछ बदल जाता है परन्तु जब तक तुम जीिवत हो, तब तक स्वांसों का आना-जाना कभी नहीं बदलेगा। स्वांस का आना जाना ही बनाने वाले की कृपा है। इसिलए तुम इस स्वांस के साथ जुड़ना सीखो, तब तुम्हारी ज़िदगी बदल जाएगी, अच्छी हो जाएगी।” उन्होंने एक कहानी के माध्यम से समझाया कि “स्वगर् और नरक यहीं हैं। जब तुम क्रोध और अहंकार में होते हो, तब तुम नरक में होते हो। जब तुम्हारा हृदय आभार और प्रेम से भरा होता है, तब तुम स्वगर् में होते हो। अपने जीवन में स्वर्ग अनुभव करो।” उन्होंने आगे समझाया “एक होता है बाहर की आँ खें खोलना और एक होता है अंदर की आँ खें खोलना । जब अंदर की आँखें खोलोगे, तो वह दिखाई देगा जो अंदर है और हृदय आनंद से भर जाएगा। जो अिवनाशी तुम्हारे अंदर है उसको समझो, उसको जानो और अपनी जिदगी को सफल करो। यह है हमारा संदेश, ये सिर्फ शब्द ही नहीं हैं। उसका अनुभव करने की विधि भी हमारे पास है। उसे हम ज्ञान कहते हैं।” प्रेम रावत जी ने यह भी बताया कि उनके सन्देश पर आधािरत “पीस एजुकेशन प्रोग्राम” पूरी दिनया में पाँच लाख से अिधक लोगों के जीवन में एक सुन्दर पिरवतर्न लेकर आया है और कहा “आज वही संदेश हम तुम्हारे िलए लाए हैं तािक तुम्हारे जीवन में भी वह बदलाव आए और तुम अपने जीवन का आनंद ले सको ।”
एक अंतरराष्ट्रीय वक्ता, न्यूयॉकर् टाइम्स के बेस्टसेिलग लेखक, एजुकेटर और ग्लोबल पीस एंबेसडर 1970 के दशक में एक बाल प्रितभा और युवा आइकन के रूप में शुरुआत करने वाले प्रेम रावत ने लोगों को स्पष्टता, प्रेरणा और जीवन के प्रित गहरी समझ दी है। एक िवश्व शांितदत की भूिमका के रूप में उन्होंने करोड़ों लोगों को प्रभािवत िकया है। आज उनका संदेश 110 से अिधक देशों में सुना जाता है, जहाँ वे हर व्यिक्त को आशा और शांित का संदेश देकर आं तिरक सुख और शांित का व्यावहािरक मागर् िदखा रहे हैं। उनके कायोर्ं को दिनया भर में सराहना िमली है, िजसमें (1) एक लेखक द्वारा अपनी पुस्तक (“स्वयं की आवाज”) पढ़ने में सबसे अिधक उपिस्थित (114,704 लोग) के िलए, (2) एक सम्बोधन में सबसे अिधक दशर्को की संख्या (375,603 लोग) के िलए और (3) ‘एक से अिधक लेखक पुस्तक वाचन’ में सवार्िधक दशर्को की संख्या (1,33,234 लोग) के िलए, तीन गनीज व रकॉड शािमल हैं। ये तीनों िरकॉडर् 2023-24 में स्थािपत िकए गए। उन्हें 20 से अिधक प्रमुख शहरों की सम्मान चािबयां और कई पुरस्कार िमले हैं, िजनमें 2012 का प्रितिष्ठत ‘एिशया पैिसिफक ब्रांड लॉिरएट लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉडर्’ शािमल है। इससे पहले यह अवॉडर् नोबेल पीस प्राइज िवजेता नेल्सन मंडेला और स्टीव जॉब्स को प्रदान िकया गया है। एक लेखक होने के अलावा, प्रेम रावत “द प्रेम रावत फाउंडेशन” (TPRF) के संस्थापक भी हैं। यह संस्था भोजन, पानी और शांित जैसी बुिनयादी मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने का कायर् करती है। इसकी “जन भोजन” पहल भारत, नेपाल, घाना और दिक्षण अफ्रीका में प्रितिदन जरूरतमंद बच्चों और बीमार वयस्कों को पौिष्टक भोजन प्रदान करती है। उनके व्याख्यानों पर आधािरत “पीस एजुकेशन प्रोग्राम” 1,400 से अिधक शैिक्षक एवं अन्य संस्थानों में िदखाया जाता है, िजससे 5 लाख से अिधक लोगों को प्रभािवत िकया है। यह कायर्क्रम 1,000 से अिधक जेलों में भी चल रहा है, िजसके प्रभाव से कै िदयों में दोबारा अपराध करने की संभावना कम पायी गई है।
वर्ष 2023 में प्रेम रावत ने टीवी, प्रिंट और रेडियो सहित विभन्न मीडिया माध्यमों से 91.6 करोड़ लोगों तक अपना संदेश पहुँचाया। उनका पॉडकास्ट चैनल ” लाइफ एसेंिशयल्स ( Life’s Essentials)” 110 से अिधक देशों में सुना जाता है। उनकी िकताबें “स्वयं की आवाज़” और ” शांित संभव है (Peace is Possible)” दिनया भर में सराही गई हैं। प्रेम रावत केवल एक वक्ता या लेखक ही नहीं, बिल्क एक आिवष्कारक, संगीतकार, कलाकार, फोटोग्राफर और कुशल जेट व हेलीकॉप्टर पायलट भी हैं, िजनके पास 15,000 घंटे के उड़ान समय का अनुभव है। वे िववािहत हैं और उनके चार बच्चे और चार पोते-पोितयाँ हैं। प ् रेम रावत जी के कायोर्ं को सरकारों, गैर-लाभकारी संगठनों, व्यापािरक संस्थानों और दिनया भर के नागिरक संगठनों द्वारा स्वीकार िकया गया है। उन्होंने िब्रटेन से लेकर न्यूजीलैंड तक की संसदों में और हावर्डर् व ऑक्सफोडर् िवश्विवद्यालयों जैसे प्रितिष्ठत संस्थानों में व्याख्यान िदए हैं। 2011 में, प्रेम रावत यूरोपीय संघ (EU) के एक िवशेष कायर्क्रम के मुख्य वक्ता थे, जहाँ उन्होंने “शांित की प्रितज्ञा (Pledge to Peace )“ पर हस्ताक्षर िकये और उन्हें इसका एंबेसडर घोिषत िकया गया।