चारधाम यात्रा में यात्रियों की सीमित संख्या पर होटल व्यवसायियों ने जताई नाराजगी, सीमित संख्या की बाध्यता समाप्त करने की उठायी मांग

– यमुना घाटी होटल एसोसिएशन ने बड़कोट में पत्रकार वार्ता कर चेतावनी दी कि यदि चार धाम यात्रा में सीमित संख्या की बाध्यता समाप्त नही की या ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था नही की तो 10 मई को होटल प्रतिष्ठान बंद रखेंगे

उत्तराखंड एक्सप्रेस ब्यूरो

बड़कोट (उत्तरकाशी)

प्रदेश सरकार द्वारा चार धाम यात्रा के लिए यात्रियों की सीमित संख्या करने के विरोध में चार धाम यात्रा से जुड़े व्यवसाय मुखर होने लगे हैं। होटल व्यवसायियों ने चेतावनी दी है कि यदि चार धाम यात्रा में यात्रियों की सीमित संख्या की बाध्यता को समाप्त नहीं किया गया तो, वह यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के दिन 10 मई को अपने होटल प्रतिष्ठान बंद रखेंगे।

बुधवार को बड़कोट में यमुना घाटी होटल एसोसिएशन द्वारा पत्रकार वार्ता कर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए चार धाम यात्रा में यात्रियों की सीमित संख्या का पुरजोर विरोध किया है।

पत्रकारों को संबोधित करते हुए यमुना घाटी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सोबन सिंह राणा ने चार धाम यात्रा में यात्रियों की सीमित संख्या करने को उत्तराखण्ड सरकार के निर्णय को ताना शाही करार देते हुए इस निर्णय को धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का हनन करना व चारधाम विरोधी निर्णय बताया।उन्होंने कहा कि सरकार को अगर व्यवस्था करनी है तो सड़क, चिकित्सा, शौचालय, सुरक्षा, बिजली-पानी आदि की उत्तम व्यवस्था करे। जिससे यात्रियों को अव्यवस्थाओं से न जूझना पड़े।

उपाध्यक्ष जोगेन्द्र सिंह राणा ने अवगत कराया गया है कि पर्यटन सचिव उत्तराखण्ड द्वारा हाल ही में तुगलकी फरमान सुनाया गया की धामों में आवासीय व्यवस्था न होने के कारण सिमित संख्या लागू की गयी है। सचिव महोदय से पूछना चाहते हैं कि क्या आपके द्वारा धामों का सर्वे किया गया या आपके किसी अधिकारी द्वारा इसका सर्वे करवाया गया, जिससे आपके पास यह आंकड़े आये हैं। जोकि सरासर गलत है। जबकि वास्तविक आंकड़ों के अनुसार यमुनोत्री धाम क्षेत्र में एक रात में श्रृद्धालुओं के रुकने की व्यवस्था लगभग 30 हजार है। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष के किसी भी धार्मिक स्थल में सिमित संख्या का प्रावधान नहीं है, तो यह सिर्फ चारधाम यात्रा पर ही क्यों किया जा रहा है तथा इसकी पुनरावृति प्रत्येक वर्ष क्यों होती जा रही है।

व्यवसायियों का कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखण्ड की लाइफ लाइन है और उसी से होटल व्यवसाय, घोडा खच्चर, डंडी-कांडी, पिटू तथा अन्य व्यवसायों से जुड़े सभी छोटे-बड़े हर गरीब का चूल्हा जलता है। श्रृद्धालु चारधाम यात्रा पर अटूट आस्था के साथ आता है, लेकिन उसे सिमित संख्या ऑनलाइन पंजीकरण फुल होने के कारण यात्रियों को परेशनी का सामना करना पड़ रहा है, जोकि न्यायोचित नहीं है।

सभी ने मांग की है कि यदि सिमित संख्या की बाध्यता समाप्त नहीं की गयी और प्रतेक धामों में श्रृद्धालुओं के लिए ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा नहीं की गयी तो चारधाम कपाट खुलने के दिन 10 मई 2024 को यमुना घाटी होटल एसोसिएशन के समस्त होटल स्वामियों द्वारा अपने होटल बंद रखे जायेंगे।

इस मौके पर घनश्याम नौटियाल, बलेन्द्र सिंह, बलदेब परमार, मनमोहन चौहान, यशवंत सिंह, अरुण रावत, राजाराम जगूड़ी, हरिमोहन राणा, धनवीर रावत, सोहन गैरोला, दीपिन राणा, आदि मौजूद रहे।

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