बड़े धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया देवलांग का पर्व एवं मंगसीर की बग्वाल

उत्तराखंड एक्सप्रेस ब्यूरो

बड़कोट/उत्तरकाशी

रवांई घाटी क्षेत्र में दीपावली के एक महीने बाद गैर बनाल, गंगटाड़ी एवं कुथनौर में देवलांग का पर्व बड़े धूमधाम एवं हर्सोल्लास के साथ मनाया गया साथ ही संपूर्ण यमुना घाटी क्षेत्र में मंगसीर की बग्वाल विभिन्न गांव में ग्रामीणों ने बड़े उत्साह के साथ मनाया है। यमुनाघाटी क्षेत्र में मनाए जाने वाले देवलांग पर्व में दूर-दूर से लोग यहां इस ऐतिहासिक पर्व का आनंद लेने पहुंचे।

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की रवाईं घाटी में पौराणिक सभ्यता और संस्कृति के अनुरूप त्योहारों व उत्सवों को बड़े स्तर पर मनाने के रीति-रिवाज पौराणिक काल से चले आ रहे हैं। रवाईं घाटी के लोगों द्वारा त्योहारों को अनूठे रूप में मनाए जाने से प्रत्येक त्योहार अपनी अलग ही विशिष्टता प्रदान करते हैं। ऐसे ही विशिष्टता प्रदान करने वाला त्यौहार है देवलांग। यह त्योहार दीपावली के ठीक एक महीने बाद मनाया जाने वाला मंगसीर की बग्वाल के रूप में मनाया जाता है। अमावस की रात को मनाए जाने वाला देवलांग का यह पर्व उत्तरकाशी की रवाईं घाटी में प्रमुख रूप से बनाल पट्टी के गैर गांव में मनाया जाता है। इसके साथ ही ठकराल पट्टी के गंगटाड़ी तथा वजरी पट्टी के कुथनौर गांव में भी मनाया जाता है।

गैर बनाल में मनाए जाने वाले देवलांग पर्व में रविवार रात को गांव-गांव से ग्रामीण ढोल-नगाड़ों के साथ साठी और पानशाही के रूप में अलग-अलग समूह में नाच गा कर गैर गांव में स्थित राजा रघुनाथ मंदिर प्रांगण पहुंचे। जहां रात में तांदी नृत्य किया और ढोल नगाड़ों पर ग्रामीण खूब नाचे। जिसके बाद सोमवार को प्रातः काल देवलांग को विधिवत पूजा अर्चना के बाद खड़ा किया गया तथा उसमें आग लगाकर देवलांग का पर्व मनाया गया। ऐसे ही गंगटाड़ी एवं कुथनौर में भी देवलांग का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया, साथ ही रवांई घाटी क्षेत्र के विभिन्न गांव में मंगसीर की बग्वाल ग्रामीणों ने बड़े धूमधाम के साथ मनाई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *