उत्तराखंड एक्सप्रेस ब्यूरो
पुरोला/ मोरी ।। मोरी, पुरोला क्षेत्र के ग्रामीणों तथा पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों ने पुरोला नगर क्षेत्र में मोरी पार्क प्रशासन एव डीएफओ के खिलाफ जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया तथा उपनिदेशक गोविंद वन्य जीव विहार व डीएफओ टौंस वन प्रभाग के स्थानांतरण की मांग की।
शुक्रवार को मोरी क्षेत्र के सौकड़ों की संख्या में ग्रामीण डीएफओ टौंस तथा उप निदेशक गोविंद वन्य जीव विहार राष्ट्रीय पार्क मोरी के खिलाफ लामबंद होकर ढोल नगाड़ों के साथ सड़कों पर उतरे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि डीएफओ टौंस तथा उप निदेशक गोविंद वन्य पशु विहार राष्ट्रीय पार्क मोरी द्वारा पर्यटन व्यवसाय को प्रभावित करनें एवं रवांई क्षेत्र के कास्तकारों के राजशाही के समय से मिल रहे पीडी, फ्री ग्रांट आदि हकहकूक के आबंटन बंद करनें हक हकूकों को लेकर मनमानी करने व तानाशाही रवैया अपनाने का काम किया जा रहा है। जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। आक्रोशित ग्रामीणों ने डीएफओ टौंस तथा उप निदेशक गोविंद वन्य पशु विहार राष्ट्रीय पार्क के स्थानांतरण की मांग की।
जुलूस प्रदर्शन में मोरी, सांकरी, नैटवाड़, सौड व कोटगांव समेत विभिन्न गांव-गांव से ढोल नगाड़ों के साथ जुलूस लेकर मुख्य बाजार होते हुए तहसील परिसर पहुंचे औऱ यहां धरना देकर प्रदर्शन किया। रवांई जन एकता मंच के अध्यक्ष चंद्रमणि रावत एवं मोहन लाल भुराटा के नेतृत्व में दर्जनों गांवों से भारी संख्या में ग्रामीण एवं पर्यटन व्यवसाई से जुड़े पोटर व ट्रैकिंग एजेंसी, होमस्टे होटल मालिक व परिवहन से जुड़े लोग ढोल नगाड़ों व बैनर के साथ तहसील मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया और मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी है।
आंदोलन में वक्ताओं ने कहा कि टौंस वन प्रभाग एव गोविंद वन्य जीव विहार क्षेत्र में दोनों अधिकारियों की मनमानी के चलते अग्रेंजी हकुमत के तर्ज पर लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। हमारे राजशाही से प्रदत पीड़ी, फ्रीग्राट, जलौनी लकड़ी, विवाह समारोह व दाह-संस्कार के लिए लकड़ी तक बंद कर दी गई है और जबरन ग्रामीणों को परेशान किया जा रहा है तथा पर्यटक स्थलों के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को पोटर, होमस्टे, होटल परिवहन से प्राप्त रोजगार पर भी पर्यटकों की संख्या पर नियंत्रण कर सैकड़ों लोगों युवाओं व व्यवसाईयों का रोजगार छीन लिया है।
धरना प्रदर्शन करने वालों में रवांई जन एकता मंच संयोजक चंद्रमणि रावत, भगत सिंह रावत, बलवीर सिंह, संतोष, प्रशांत, लायक राम, मोहनलाल भुराटा, जोगेंद्र सिंह, बरफियालाल, सुरेंद्र देवजानी, तथा राजमोहन, प्यारेलाल हिमानी, सूरजमणि, परीता राणा व बचन सिंह, बचैन सिंह, सुभम रावत आदि सैकड़ों पर्यटक व्यवसायी एव ग्रामीण शामिल रहे।
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पुरोला एवं मोरी क्षेत्र में दोनों डीएफओ द्वारा किए जा रहे क्षेत्र के लोगों के उत्पीड़न के मामले में पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल भी मुखर हुए और पुरोला विधायक ने भी दोनों डीएफओ के स्थानांतरण की मांग के लिए वन मंत्री के आवास पर देहरादून में धरना तक दिया था। औऱ अब पूरा क्षेत्र मुखर होने लगा है।
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उत्तरकाशी जिले की रवांई घाटी क्षेत्र के तीनों ब्लॉक मुख्यालय मे मोरी ब्लॉक, पुरोला ब्लॉक एवं नौगांव ब्लॉक में आयोजित बीडीसी बैठक में भी उक्त दोनों टौंस वन प्रभाग के डीएफओ और अपर यमुना वन प्रभाग बड़कोट के डीएफओ के स्थानांतरण की मांग जनप्रतिनिधियों ने उठाई थी। नौगांव ब्लॉक की बीटीसी बैठक में डीएफओ के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी लाया गया था। इस बैठक में राज्य मंत्री राजकुमार एवं यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल भी मौजूद रहे थे।