उत्तराखंड एक्सप्रेस ब्यूरो
लोक पर्व फूलदेई प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में बड़े धूमधाम से मनाया गया। विद्यालयों की छात्राओं एवं घरों में बच्चों ने फ्यूंली के फूल लाकर देहरी पर सजाये तथा फूलदेई त्योहार को मनाया।
उत्तराखंड का लोक पर्व फूलदेई संक्रांति, जो बाल पर्व फुलारी महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह चैत्र माह की संक्रांति से प्रारंभ होता है और पूरे महीने तक चलता है । यह शीत ऋतु के जाने और बसंत ऋतु के आगमन का संदेश देता है। बसंत ऋतु जिसे ऋतुओं में राजा कहा गया है, ऋतुराज बसंत बहुत ही मनभावक ऋतु है, इस समय प्रकृति में चारों तरफ वृक्षों की डालियां नए – नए फूलों और पत्तियों से लद जाती हैं, हर तरफ वृक्षों और पौधों पर फूल खिल जाते हैं ।
आज के दिन बच्चे सुबह होती ही जंगलों से फूल लेकर आते हैं जिसमें फ्यूंली के पीले फूल और बुरांश के फूल महत्वपूर्ण होते हैं , इन फूलों को वे गांव की हर देहली पर जाकर डालते हैं और प्रकृति माता से प्रार्थना करते हुए गाते हैं। इस प्रकार बच्चे इस क्रम को पूरे महीने जारी रखते हैं और यह प्रक्रिया बैसाखी तक चलती है। चैत्र महीने के आखिरी दिन बच्चों को लोगों द्वारा उपहार व खाने की वस्तुएं आदि दिए जाते हैं।