बड़ी खबर :  गंभीर रोगों से ग्रसित शिक्षकों को दी जाएगी अनिवार्य सेवानिवृत्ती

 

 

उत्तराखंड Express ब्यूरो

नैनीताल

शिक्षा विभाग की खास नजर अब उन शिक्षकों पर है जो तबादले होने पर बीमार होने का हवाला देते हुए मेडिकल लगा देते हैं। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि इस साल से शिक्षकों के तबादले काउंसलिंग के जरिये किए जाएंगे। मेडिकल बोर्ड की राय पर बीमार शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्त किया जाएगा।

प्रदेश के उच्च शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत अपने दो दिवसीय दौरे के तहत नैनीताल में रहे। इस दौरान धन सिंह रावत ने नैनीताल में जिले भर के विभागीय अधिकारियों के साथ सरकारी योजनाओं व विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की। इस दौरान धन सिंह रावत ने कहा स्थानांतरण के लिए मेडिकल लगाने वाले शिक्षकों का परीक्षण राज्यस्तरीय चिकित्सा बोर्ड से होगा। शिक्षक वास्तव में गंभीर रूप से बीमार होंगे तो उनको जबरन रिटायर किया जाएगा। दूसरी ओर, प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर सात हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया आरंभ हो गई है. मंत्री ने कहा इस साल 500 चिकित्सकों की नियुक्ति की जाएगी. सरकारी अस्पतालों में अब भर्ती होने या रेफर वाले अस्पताल में एक ही पर्ची काम आएगी. देर रात तक नैनीताल क्लब में आयोजित मैराथन बैठक में कैबिनेट मंत्री घन सिंह रावत ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य और सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. धन सिंह रावत ने कहा अस्पतालों को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जाएगा. इससे वह डिजिटल माध्यम से किसी भी दिन अस्पताल की व्यवस्थाओं समेत अन्य गतिविधियों का निरीक्षण कर सकते हैं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत जिले को 54 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं।उन्होंने सीएमओ को अस्पतालों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने, हर दिन बेड सीट बदलने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा हर अस्पताल के बाहर बड़े-बड़े होर्डिंग में अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं की पूरी जानकारी अंकित हो, जिससे मरीजों को सुविधाओ की जानकारी मिलेगी. बैठक में विधायक सरिता आर्य ने बेतालघाट में शिक्षकों की कमी दूर करने का अनुरोध किया. साथ ही बेतालघाट क्षेत्र में आग की चपेट में आए विद्यालय के बारे में जानकरी दी।

नैनीताल पहुंचे कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा अस्पतालों में डाक्टरों व विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जा रहा है. अक्सर तबादले व अवकाश के लिए फर्जी मेडिकल प्रस्तुत किए जाते हैं. ऐस में अब मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाएगा. गंभीर रोगों से ग्रसित कर्मचारियों को वीआरएस दे दिया जाएगा. सहकारिता विभाग को डिफाल्टर लोगों को नोटिस जारी कर उनकी जानकारी अखबारों में प्रकाशित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया पहली जुलाई को शासन स्तर पर बैठक तय है जिसमे काउंसलिंग के माध्यम से शिक्षकों के तबादलों पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा हर विश्विद्यालय व राजकीय महाविद्यालय में नैक का मूल्यांकन अनिवार्य किया गया।

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