उत्तराखंड Express ब्यूरो
श्रीनगर गढ़वाल
श्रीनगर बेस चिकित्सालय गेट पर धरना देने के दौरान वरिष्ठ कांग्रेसी नेता द्वारा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य पर भ्रष्टाचार करने के आरोप को प्राचार्य ने बेबुनियाद बताया। कहा कि बिना तत्थों एवं सबूतों के जनता के बीच फेसबुक लाईव कर मेरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाना बहुत ही गलत है। प्राचार्य ने कहा कि सार्वजनिक स्थान पर आकर जो मेरी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया, उसे सुनकर में काफी व्यथित हूं। मेरी धर्मपत्नी भी आयुर्वेद मे राजकीय चिकित्सक है। मेरे स्वर्गीय पिता जी भी स्वास्थ्य विभाग मे कार्यरत रहे। पूर्वजो ने बचपन से ही ईमानदारी, मेहनत व सेवा की शिक्षा का पाठ पढाया है। उसी राह पर सतत् है और रहेगे। यदि आरोप कर्ता द्वारा इसका खंडन नहीं किया जाता है तो मुझे मजबूर होकर वैधानिक कार्यवाही करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आदरणीय श्री गणेश गोदियाल जी के प्रति मेरा हमेशा से सम्मान भाव रहा है और हमेशा रहेगा। पर मेरे प्रति ऐसे शब्दो को कहना जो सत्य से कोसो दूर है, बहुत ही पीड़ादायक है।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कहा कि वह गत 25 वर्षो से शासकीय सेवा में कार्यरत है। मेरी छवि ईमानदार, कर्मठ और जुनूनी व्यक्ति के तौर पर है। मैने एम्स दिल्ली, मेरठ मेडिकल कालेज, हिमालयन हास्पिटल जालीग्रांट देहरादून जैसे प्रतिष्ठित संस्थानो मे कार्य किया है। मेरे द्वारा राजकीय मेडिकल हल्द्वानी में 14 वर्षो की सेवा विभागाध्यक्ष, प्राचार्य/डीन के रूप में दी है। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज की स्थापना से पीजी कक्षाएं प्रारंभ करने तक का महत्वपूर्ण योगदान दिया गया है। वर्तमान में वर्ष 2016 -17 से राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में प्राचार्य/डीन के रूप में अपने कार्य दायित्वों का ईमानारी एवं कर्मठता से निर्वहन कर रहा हूं। इस अवधि में उत्तराखंड सरकार एवं उत्तराखंड शासन के पूर्ण सहयोग से मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में एमबीबीएस की सीटें 100 से 150 हुई। जबकि पीजी कोर्स की 52 सीटों में वृद्धि हुई। संस्थान के समस्त विभागों में आधुनिक एवं बहुआयामी मशीनों से लैस कराया गया है। यहां कार्यरत चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल, व सर्पोटिंग स्टाफ व छात्र छात्राओ मे अनुशासन लाया हू जिस कारण सभी अपना पूर्ण मनोयोग से सेवाए प्रदान कर रहे है। जिससे रूद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी और टिहरी जिलों के लोगों के साथ-साथ चारधाम यात्रा में आने वाले देश- विदेश के श्रद्धालुओं को चिकित्सकीय सेवाएं ईमानदारी से दी जा रही है। प्राचार्य ने कहा कि मेरी अपनी व्यक्तिगत छवि है और इस छवि को बिना किसी प्रमाणिकता के सार्वजनिक स्थान पर धूमिल करने का जो प्रयास किया गया, उससे सुनकर और जानकार में काफी हैरान परेशान हू!