श्रीराम लीला में दर्शकों के लिए रावण-अंगद संवाद रहा मुख्य आकर्षण का केन्द्र

– कॉंग्रेस जिलाध्यक्ष मनीष राणा बोले,  ग्रामीण क्षेत्रों से विलुप्त हो रही रामलीला को संरक्षित करने की जरूरत

उत्तराखंड एक्सप्रेस ब्यूरो
उत्तरकाशी

उत्तरकाशी जनपद के अंतर्गत डुंडा ब्लॉक के धनारी क्षेत्र के मुसड़गांव में चल रही रामलीला के तेहरवें दिन दर्शकों के लिए रावण -अंगद संवाद आकर्षण का केन्द्र बना रहा। इस दृश्य में अंगद ने रावण को समझाया कि सीता माता को भगवान राम को लौटाकर उनकी शरण मे आ जाओ। भगवान राम तो तीनों लोको के स्वामी है, वह आपको माफ कर देंगे। लेकिन अहंकारी रावण ने एक न सुनी।

ग्राम मुसड़गांव में श्री आदर्श रामलीला समिति की ओर से आयोजित श्री रामलीला मंचन में शुक्रवार को तेहरवें दिन रावण अंगद संवाद व लक्ष्मण शक्ति का मंचन दिखाया गया। अंगद ने अपना पैर जमी पर जमाकर भरी सभा में रावण को चुनौती दी कि यदि आप मेरा पैर उठा दोगे तो भगवान राम सेना समेत अयोध्या लौट जायेंगे। लेकिन रावण का कोई भी योद्धा अंगद का पैर नही उठा पाया। अंत में रावण प्रयास करने आया तो अंगद ने अपना पैर हटा दिया और प्रभु श्रीराम के पैर पकड़ने की बात कही। इस बीच राणव और अंगद के बीच चला संवाद दर्शकों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा।

अंगद के पात्र सौरभ व रावण के पात्र राम संजीवन के सुदंर अभिनय की दर्शकों ने खूब सराहना की। इसके बाद दर्शकों के समक्ष लक्ष्मण शक्ति का मंचन प्रस्तुत किया गया। जिसमें लक्षमण और मेघनाथ ने सुदंर अभिनय प्रस्तुत किया और दर्शकों की खूब तालियां बटोरी।

कार्यक्रम का शुभारंभ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मनीष राणा, व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव दिवाकर भट्ट ने किया। राणा ने कहा कि आज रामलीला गांव से विलुप्त होती जा रही है। लेकिन मुसड़गांव के युवाओं ने इसे संरक्षित रखने का कार्य किया है। जबकि भट्ट ने कहा कि रामलीला हमारी विरासत है, जिसके सरंक्षण के लिए सभी को आगे आना होगा।

इस मौके पर संजीव नौटियाल, दिवाकर भट्ट, समिति के संरक्षक सूर्यमणि, अध्यक्ष पूर्णानंद, सचिव सुरेन्द्र नौटियाल, कोषाध्यक्ष गंगा सागर, जितेन्द्र, पुरूषोतम, इंद्रमणि, देवचंद्र सहित कनिष्ठ अभियंता जिपं पुष्पेन्द्र नौटियाल, पत्रकार हेमकांत नौटियाल, प्रकाश, कृष्णा सहित ग्रामीण मौजूद थे।

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