जयप्रकाश बहुगुणा
उत्तरकाशी
पतित पावनी मां गंगा के पावन तट पर राजकीय इंटर कालेज गंगोरी में भगवान श्रीराम के अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के अवसर रामायण वाटिका का हुआ शुभारंभ !गौरतलब है कि रामायण “अरण्य-काण्ड” में भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास का विस्तृत वर्णन है। अपने वनवास के दौरान भगवान राम छह अलग-अलग प्रकार के जंगलों से होकर गुजरे। रामायण में वर्णित अधिकाधिक प्रजातियाँ हैं, जिन्हें इस वाटिका में रोपित किया गया है। धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ पर्यावरण का संदेश देने वाले वनस्पतियों को इस रामायण वाटिका में लगाने से भगवान राम की वनवास कथा से निकटता को प्रदर्शित करना हैं। इसके अतिरिक्त दुर्लभ पौधों, वृक्षों और वनस्पतियों के संरक्षण के साथ पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देने की व्यवस्था की जा रही है। इसके निर्माण का कार्य प्रारंभ हो गया है। इस ग्रीन रामायण वाटिका में आने वाले समय में भगवान राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान से जुड़े सभी प्रसंग और संस्मरण भी प्रदर्शित होंगे। रामायण वाटिका को पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां पर औषधीय पौधे जैसे आम, ब्राह्मी, नीम, बांस, रूद्राक्ष, सेमल, अर्जुन, सागौन, अशोक, पीपल, बरगद, बेल, आंवला, रक्त चंदन, ढाक, कैथा चंदन, नाग केसर, चंपा, मौल सिरी आदि के पौधे रोपित किए गए। इस अवसर स्वामी प्रेमानंद जी महाराज, डीएफओ डी पी बलोनी, रंगनाथ पांडेय, पर्यावरण प्रेमी प्रताप सिंह पोखरियाल, अरविन्द कुडि़याल, दिनेश पंवार, राजेश जोशी व उनकी गंगा नाटक टीम, डा. मुकेश नौटियाल, डॉ एम पी एस परमार, प्रदीप कोठारी, गीता गैरोला, मयंक बडोनी, डॉ अंजु सेमवाल, सतेन्द्र पंवार, राममोहन रावत सहित सैकड़ों लोगों उपस्थिति थे। कार्यक्रम में स्वामी शिवानंद आश्रम की झांकी व कवां एटहाली के छात्रों नाटिका का मंचन किया। वन सेवा में शहीद स्वर्गीय रेंजर शंकरानन्द भट्ट को मरणोपरांत वन रत्न सम्मान उनकी धर्मपत्नी रेंजर अनिता भट्ट को प्रदान किया गया।