उत्तरकाशी : 23 अप्रैल से रामलीला मैदान में होगा अष्टोत्तरशत, श्रीमद भागवत कथा व अतिरूद्र महायज्ञ का आयोजन

 

 

जयप्रकाश बहुगुणा
उत्तरकाशी

 

रामलीला मैदान उत्तरकाशी में 23 अप्रैल से 28 अप्रैल 2024 तक आयोजित होने वाली अष्टोत्तरशत, श्रीमद भागवत कथा व अतिरूद्र महायज्ञ की तैयारियां बड़े जोरों पर चल रहीं है। इस भव्य आयोजन की सफलता के लिए समिति के सदस्यों, उत्तरकाशी शहर के गणमान्य नागरिकों, समाजसेवियों, धार्मिक संगठनों के सदस्यों ने अष्टादश महापुराण व अतिरूद्र महायज्ञ समिति के तत्वावधान में आयोजित रविवार को श्री हनुमान मंदिर सभागार में आयोजित बैठक में विभिन्न सुझावों पर चर्चा की गयी व भव्य आयोजन के लिए समिति के सदस्यों एवं आमजन से सहयोग के लिए योजना बनाई गई। इस कथा में जनपद के अलग-अलग हिस्सों से देवडोलियां आमांत्रित की जा रही है व 108 कथा व्यास जहां मूल पारायण करेगें वहीं मुख्य व्यास पीठ पर विश्व विख्यात भागवताचार्य पंडित डॉ. श्यामसुंदर पाराशर, अपनी मधुर वाणी से कथा सुनाएंगे। यहां बाबा विश्वनाथ की नगरी व भागीरथी गंगा के तट इस आयोजन में वृंदावन से रासलीला के कलाकारों की टीम भी बुलाई जायेगी। वैसे भी उत्तरकाशी की पवित्र भूमि इस आयोजन से सुख व समृद्धि बढ़ेगी क्योंकि श्रीमद् भागवत महापुराण को पुराणों का तिलक कहा गया है व पुराणों में श्रेष्ठ स्थान भागवत को प्राप्त है। वहीं श्रीमद् भागवत पुराण को भगवान कृष्ण का साहित्यिक अवतार माना भी जाता है। श्रीमद् भागवत कथा सुनने से आध्यात्मिक विकास और भगवान के प्रति भक्ति गहरी होती है। श्रीमद् भागवत कथा स्वयं की प्रकृति और परम वास्तविकता के बारे में सिखाती है। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष हरि सिंह राणा, संयोजक प्रेम सिंह पंवार, नत्थी सिंह रावत, जीतवर सिंह नेगी, काशी विश्वनाथ जी के महंत अजयपुरी, विजय भट्ट, रामकृष्ण नौटियाल, राजेन्द्र सिंह रावत, चन्द्र शेखर भट्ट, माधव शास्त्री, शिव प्रसाद भट्ट, चंचल गुम्बर, अरविन्द कुडि़याल, दिनेश पंवार, अनिता राणा, गीता गैरोला, संतोषी ठाकुर, रमेश चौहान, प्रकाश बिजल्वाण, तिलक सोनी व डॉ. शम्भू प्रसाद नौटियाल सहित तमाम समिति के सदस्य व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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