जयप्रकाश बहुगुणा
बड़कोट /उत्तरकाशी
जल जीवन मिशन के तहत जहाँ एक तरफ केंद्र व राज्य सरकार प्रत्येक ग्राम सभा में करोड़ों रूपये खर्च कर शुद्ध पेयजल आपूर्ति करने के दावे कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर उक्त योजना के अंतर्गत पहाड़ी क्षेत्रों में ऐसे भी कई तोक हैं जहाँ ग्राम सभाओं के दर्जनों परिवार निवास करते हैं लेकिन हर घर नल -हर नल जल योजना के दावे इन बस्तियों में खोखले साबित हो रहे हैं !ऐसी ही एक बस्ती है उत्तरकाशी जनपद के
नौगांव विकासखंड के पाली ग्राम सभा के बढ़ाता, जो राष्ट्रीय राजमार्ग से मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर है।बढ़ाता मे 25 से 30 परिवार रहते हैं और यहां पर सरकार के द्वारा पानी की लाइन भी दी गई थी लेकिन गांव वालों को एक एक बूंद पानी के लिए मोहताज होना पड़ रहा है।बस्ती निवासियों को आधा किलोमीटर दूर से स्वयं की पीठ पर या घोड़े -खच्चरों पर पानी ढोना पड़ रहा है !क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता महाबीर पंवार माही का कहना है कि गांव वालों ने जब उक्त स्थिति से उनको अवगत कराया तो वे दंग रह गये कि 21वीं सदी में भी हमारे ग्रामीणों को मानव की मूलभूत सुविधाओं पानी सड़क जो जरूरी हैं उनके लिए ऐसे तरस रहे हैं, और पीने के लिए पानी घोड़े खच्चर पर लादकर ला रहे हैं ! पंवार बताते हैं कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत उक्त बस्ती वासियों ने जो शौचालय बनाये हुए हैं उनका भी पानी न होने से ग्रामीण प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं !महावीर पंवार ने जिला अधिकारी उत्तरकाशी, सीडीओ उत्तरकाशी और वीडीओ नौगांव और संबन्धित विभाग के अधिकारियों से अपील की है कि तत्काल उक्त बस्ती पर पहुंचकर ग्रामीणों की समस्या का समाधान किया जाय !ग्रामीण भीष्म सिंह राणा, हरदेव सिंह व अन्य का कहना है कि पेयजल की समस्या से कई बार लिखित व मौखिक रूप से जिम्मेदार अधिकारियों व विभाग को अवगत कराया गया लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है !