उत्तरकाशी :राष्ट्र धर्म सर्वोपरि है जब तक राष्ट्र चारों ओर से सुरक्षित है तभी हमारी संस्कृति विरासत संस्कार, परंपरा जीवित है:आचार्य राकेश भट्ट

 

 

जयप्रकाश बहुगुणा
चिन्यालीसौड़ /उत्तरकाशी

नगर पालिका परिषद चिन्यालीसौड़ के वार्ड नंबर सात में चल रही श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन कथा व्यास पीठाधीश्वर आचार्य राकेश भट्ट ने विभिन्न प्रसंगों पर प्रवचन दिए। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा को मित्रता का सिंबल बताते हुए गोवर्धन लीला , गोपी गीत, कंस वध, सुदामा चरित्र आदि का वर्णन किया। उन्होंने कहा राष्ट्र धर्म सर्वोपरि है जब तक राष्ट्र चारों ओर से सुरक्षित है तभी हमारी संस्कृति विरासत संस्कार, परंपरा जीवित है। आत्मा अविनाशी परमात्मा का अंश है और श्रेष्ठ कर्म के द्वारा ही भगवत प्राप्ति होती है।

सोमवार को कथा के सातवे दिन कथा वक्ता राकेश भट्ट ने कहां कि सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र कृष्ण से मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे। उन्होंने कहा कि सुदामा द्वारिकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है। अपना नाम सुदामा बता रहा है जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना प्रभु सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया दोनों की ऐसी मित्रता देखकर सभा में बैठे सभी लोग अचंभित हो गए। कृष्ण सुदामा को अपने राज सिंहासन पर बैठाया हुआ। उन्हें कुबेर का धन देकर मालामाल कर दिया। जब जब भी भक्तों पर विपदा आ पड़ी है। प्रभु उनका तारण करने अवश्य आए हैं। कुकरेती परिवार की तरफ से कस्बे में चल रही सात दिवसीय कथा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। कथा व्यास पीठाधीश्वर ने कहा कि जो भी भागवत कथा का श्रवण करता है उसका जीवन तर जाता है। इस अवसर पीठाधीश्वर राकेश भट्ट ने जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजलवां ,विधायक प्रीतम सिंह पंवार, संजय डोभाल, सामाजिक कार्यकर्ता सुमन बडोनी,मनोज कोहली,पूर्व पालिका अध्यक्ष बीना बिष्ट,शूरवीर रांगर अधिशासी अधिकारी वीरेंद्र पंवार सहित सभी गणमान्य व उपस्थित श्रोताओं का मुख्या यजमान सोहन लाल कुकरेती,मनीष नन्द लाल,सुभाष,डॉक्टर विनोद कुकरेती,देवानंद,मुरारी लाल ,जया नंद ने आभार व्यक्त किया।

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