यमुनोत्री, गंगोत्री में बाढ सुरक्षा और मलबे को हटाकर नदियों को को मूल धारा की तरफ चैनलाईज करने के लिए प्रशासन स्तर से कार्रवाई शुरू

 

जयप्रकाश बहुगुणा

उतरकाशी

यमुनोत्री और गंगोत्री क्षेत्र में बाढ सुरक्षा और मलबे को हटाकर नदियों को को मूल धारा की तरफ चैनलाईज करने के लिए प्रशासन के स्तर से तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यमुनोत्री में तटोें की सुरक्षा के लिए वायरक्रेट्स लगाने का काम शुरू हो गया है और गंगोत्री में भी घाटोें की तरफ बह रही नदी की धारा को मोड़ने के लिए वायरक्रेट्स लगाने का काम कल से शुरू कर दिया जाएगा। जानकीचट्टी में यमुना नदी को मूल धारा की तरफ से जाने व नदी तल पर जमा मलवा पत्थर को हटाने का काम तेजी से जारी है। गंगोत्री धाम में भी पानी का बहाव कम होते ही चैनलाईजेशन का काम शुरू करने की तैयारी की जा रही है।

जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को धामों की सुरक्षा के लिए त्वरित व कारगर उपाय सुनिश्चित करने के साथ ही क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों व यात्रा सुविधाओं के अनुरक्षण एवं पुनर्स्थापना के कार्य को अविलंब पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर जुटे रहने केक निर्देश दिए हैं। अधिकारियों को प्रत्येक दिन की प्रगति रिपोर्ट भी उपलब्ध कराने को कहा गया है। जिलाधिकारी ने गंगोत्री में घाटों पर जमा मलवे को हटाने का कार्य प्राथमिकता से करवाने और नदी के चैनलाईजेशन की संभावनाओं पर विचार करते हुए उपयुक्त योजना प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए है।
जिलाधिकारी ने निर्देश पर उप जिलाधिकारी भटवाड़ी बृजेश कुमार तिवारी गत दिन से ही गंगोत्री धाम में कैंप कर स्थिति की निगरानी और एहतियाती सुरक्षा उपायोें के समन्वय में जुटे हैं। पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, क्यूआरटी, राजस्व विभाग व सिंचाई विभाग की टीम लगातार इस क्षेत्र में स्थिति पर नजर रखे हुए है। सिंचाई विभाग ने आज भगीरथ शिला में भरी सिल्ट को हटा दिया गया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर आज एनडीआरएफ व वन विभाग की टीम देवगाड क्षेत्र में जाकर गंगोत्री से ऊपरवर्ती क्षेत्र की स्थिति का जायजा लिया। इस क्षेत्र में स्थिति सामान्य बताई गई है। गंगोत्री में भागीरथी की जल स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है।
उप जिलधिकारी बृजेश कुमार तिवारी और सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता केएस चौहान सहित अन्य अधिकारियों व एनडीआरएफ की टीम ने आज गंगोत्री धाम का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया और सुरक्षा उपायों पर विचार-विमर्श किया। सिंचाई विभाग के द्वारा भागीरथी नदी व इसके तटवर्ती क्षेत्रों का ड्रोन सर्वेक्षण भी किया गया। अधिकारियों ने मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश सेमवाल सहित अन्य पदाधिकारियों से भी भेंट कर सुरक्षा उपायों पर चर्चा की।
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता केएस चौहान ने बताया कि भागीरथी नदी में पानी के साथ अत्यधिक मात्रा में बहकर आया मलवा-पत्थर नदी तल पर जमा हो जाने के कारण गंगोत्री धाम में नदी का रूख दायीं तरफ हो गया है। उन्होंने बताया कि आरसीसी निर्मित घाट अभी कटाव से सुरक्षित हैैं लेकिन नदी की मूल धारा पर जमा मलवे को हटाकर इसे चैनलाईज करने सहित अन्य दीर्घकालीन सुरक्षा उपाय किए जाने जरूरी हो गए हैं। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार तात्कालिक रूप से आवश्यक सुरक्षा कार्य अविलंब शुरू करने के साथ ही दीर्घकालीन सुरक्षा उपायों के बारे में विस्तृत प्रस्ताव एवं आगणन जल्द तैयार कर प्रस्तुत किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि तात्कालिक तौर पर पानी को घाटों की तरफ बहने से रोकने के लिए वायरक्रेट लगाने का काम शुरू किया जा रहा है और जल स्तर कम होते ही घाटों से मलवे को हटाने व नदी को मूल धारा की तरफ ले जाने की काम शुरू किया जाएगा।

उधर जानकीचट्टी में पार्किंग तथा अन्य तटवर्ती क्षेत्रों के सुरक्षा के लिए वायरक्रेट लगाने के साथ ही यमुना नदी के बहाव को मूल धारा की तरफ चैनलाईज करने का काम तेजी से संचालित किया जा रहा है। इस काम के लिए उच्च क्षमता वाली दो पोेकलैंड एक्सकैवेटर्स के साथ ही कई अन्य मशीनें काम पर जुटाई गई हैं। यमुनोत्री धाम की सुरक्षा के लिए भी तटबंध बनाने का काम प्रगति पर है इसके लिए जानकीचट्टी से खच्चरों के जरिए वायरक्रेट यमुनोत्री धाम पहुंचाए गए हैं। यमुनोत्री व जानकीचट्टी क्षेत्र में अतिविृष्टि से हुए नुकसान से प्रभावित लोगों को तहसीलदार बड़कोट धनीराम डंगवाल द्वारा सहायता राशि के चैक वितरित वितरित किए। तहसील प्रशासन द्वारा आज जानकीचट्टी में पार्किंग के पास किए गए अवैध अतिक्रमण को भी हटाया गया।

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