बड़ी खबर :चार पृथक घोषित जिलों के गठन को होगा जनांदोलन, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

 

जयप्रकाश बहुगुणा
बड़कोट /उत्तरकाशी

 

पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा पृथक घोषित यमुनोत्री, कोटद्वार, रानीखेत, डीडीहाट चार जनपदों का गठन कर अस्तित्व में लाने के लिए एक बार पुनः जनांदोलन की सुगबुगाहट होने लगी है, सयुंक्त (घोषित )जनपद संघर्ष समिती उत्तराखंड ने आज गुरुवार को इसकी शुरुवात उत्तरकाशी के बड़कोट (यमुनोत्री )तहसील मुख्यालय से कर दी है !संघर्ष समिती के बैनर तले आज दर्जनों राजनितिक, सामाजिक संघठनों व जनप्रतिनिधियों ने यहां सभी घोषित चार जनपदों को अस्तित्व में लाने के लिए उपजिलाधिकारी बड़कोट के माध्यम से सूबे के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है !

ज्ञापन में कहा गया है की तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने 15 अगस्त 2011 को उत्तराखंड में चार नये जनपदों यमुनोत्री, कोटद्वार, रानीखेत, डीडीहाट के गठन की घोषणा की थी लेकिन घोषणा किये जाने के बारह वर्षों बाद भी सरकारों ने इन घोषित जनपदों के गठन को लेकर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाये हैं !जबकी कई बार इन घोषित जनपदों के गठन को लेकर सयुंक्त संघर्ष समिती व क्षेत्रीय लोगों ने आंदोलन व भूखहड़ताल तक की, तथा केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे भुवन चंद्र खंडूड़ी , विजय बहुगुणा, हरीश रावत, त्रिवेंद्र रावत को मिलकर उनके सम्मुख मांग रखी गई, लेकिन भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस की सरकारों ने अपने कार्यकाल में कोई रूचि नहीं दिखाई !सयुंक्त संघर्ष समिती ने ज्ञापन में कहा हैं कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों का पुनर्गठन जनहित में जरूरी है, लिहाजा पूर्व में घोषित इन चारों जनपदों का शीघ्र गठन किया जाय, वर्तमान में इन दुर्गम क्षेत्रों की जनता को अपने राजकीय कार्यों के लिए कई किलोमीटर का सफर कर जिला व तहसील मुख्यालयों को जाना पड़ता है, जिलों के पुनर्गठन व छोटी प्रशासनिक इकाइयों के गठन से इन विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले जनमानस को सुबिधायें मिलेंगी !जनहित को देखते हुए इन घोषित जनपदों का गठन होना नितांत आवश्यक है !मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में संघर्ष समिती ने मांग की है कि यदि शीघ्र ही इन जनपदों का सरकार गठन नहीं करती है तो वृहद स्तर पर जनांदोलन किया जायेगा !ज्ञापन देने वालों में सयुंक्त (घोषित )जनपद संघर्ष समिती के केंद्रीय अधयक्ष अब्बल चंद कुमाई, भरत सिंह चौहान, महिपाल सिंह असवाल, महावीर सिंह पंवार,
हरदेव रावत, अमित असवाल, भरत रावत, भगवती बिजल्वाण , चैन सिंह रावत, प्रताप तोमर, संतोष चौहान, किताब रावत, , जयेंद्र सिंह राणा, अमित रावत आदि सहित दर्जनों लोग शामिल थे !

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