जयप्रकाश बहुगुणा
*उत्तरकाशी
जिले में इस बार की चारधाम यात्रा नित नए आयाम और प्रतिमान स्थापित करने की तरफ अग्रसर है। गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम में इस यात्राकाल में अभी तक चौदह लाख से अधिक श्रद्धालुओं का आगमन हो चुका है। चारधाम यात्रा के सुचारू और सुव्यस्थित संचालन के फलस्वरूप इन दोनों धामों में निरंतर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होने से यात्रियों का दैनिक औसत अब तक के सर्वाधिक रिकॉर्ड स्तर पर पहॅुच गया है।
आज यमुनोत्री व गंगोत्री में 4804 श्रद्धालुओं का पदार्पण होने के साथ ही इस यात्राकाल में इन दोनों धामों में पहॅुचने वाले तीर्थयात्रियों की कुल संख्या 1402360 हो गई है। यमुनोत्री धाम में आज 2109 श्रद्धालुओं के आगमन के साथ यहां इस बार कुल संख्या 654101 तीर्थयात्री आ चुके हैं। गंगोत्री में आज 2695 तीर्थयात्रियों का आगमन होने के साथ ही इस यात्राकाल में कुल 748259 श्रद्धालुओं का पदार्पण हो चुका है।
अक्षय तृतीया के पर्व पर गत 10 मई को यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के कपाटोद्घाटन के बाद से वर्तमान यात्राकाल के 156 दिन पूरे हो चुके हैं। आंकड़ों के आधार पर इस साल इन दोनों धामों में प्रतिदिन औसतन 8989.49 तीर्थयात्रियों को आगमन हुआ है। गत वर्ष इन दोनों धामों पर 1640418 यात्री आए थे जो इससे पहले के सालों की तुलना में सर्वाधिक संख्या थी। गत वर्ष यमुनोत्री मे 208 दिन एवं गंगोत्री में 207 दिन का यात्राकाल रहा और इन दोनों धामों में पहॅुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या का दैनिक औसत 7905.63 था। यात्रा के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस साल इन दोनों धामों पर प्रतिदिन पहॅुचने वाले तीर्थयात्रियों का औसत आंकड़ा सर्वकालिक उच्च माना जा रहा है।
इस साल के अभी तक के 156 दिनों के यात्राकाल के आंकड़ों की तुलना पिछले साल की समान अवधि से करने पर भी यात्रियों की संख्या में हुई उल्लेखनीय वृद्धि की तस्वीर साफ नजर आती है। गत वर्ष 22 अप्रैल 2023 को यात्रा प्रारंभ होने के बाद 156 दिनों के दौरान गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में 1381809 श्रद्धालुओं का पदार्पण हुआ था और 10 मई से 12 अक्टूबर 2023 के दौरान 1283155 यात्री आए थे। इस प्रकार पिछले साल की तुलना में इस साल यात्रियों की संख्या में यात्राकाल के शुरूआती 156 दिनों में 20551 तथा 10 मई से 12 अक्टूबर की अवधि के भीतर 119205 की वृद्धि दर्ज की गई है।
शासन-प्रशासन के द्वारा इस यात्राकाल में तीर्थयात्रियों की सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने के साथ ही यात्रा को सुव्यवस्थित, सुरक्षित और सुचारू संचालन पर विशेष ध्यान दिया गया। बरसात के दौरान यात्रा मार्गों को यातायात हेतु सुचारू बनाए रखने के लिए बड़े पैमाने पर मशीनों और अन्य संसाधनों की तैनाती करने के साथ ही सड़कों को निरंतर खुला रखने के दिन-रात प्रयास किए गए। अनेक स्थानों पर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में अवरूद्ध सड़कों को तत्परता से खोले जाने के फलस्वरूप इस बार कभी भी पूरे दिन के लिए कोई भी सड़क अवरूद्ध नहीं रही। जिससे श्रद्धालुजनों की राह आसान बनी रही और उन्होंने धामों तक सुगमतापूर्वक व सुविधाजनक ढंग से तीर्थाटन का पुण्य अर्जित किया।
परंपरानुसार शीतकाल के आगमन पर गंगोत्री मंदिर के कपाट आगामी 2 नवंबर को अन्नकूट पर्व पर बंद हो जाएंगे और यमुनोत्री मंदिर के कपाट भाईदूज के पर्व आगामी 3 नवंबर को बंद होंगे। इस प्रकार अब गंगोत्री धाम की यात्रा के लिए 21 दिन और यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए 22 दिन का यात्राकाल शेष रह गया है। श्राद्धपक्ष एवं नवरात्रि संपन्न होने के बाद इन दोनों धामों इस यात्राकाल के अंतिम दौर में भी बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के पहॅुंचने की संभावना है।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने यात्रा व्यवस्था से जुड़े विभागो व संगठनो को यात्राकाल के अंतिम दौर में यात्रा व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद बनाए रखने के लिए तत्परता से जुटे रहने तथा यात्रा को सुगम, सुरक्षित व सुव्यस्थित ढंग से संचालित करने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं।