सुभाष रावत
उत्तरकाशी
गाजणा क्षेत्र के ग्राम पंचायत उडरी के चूली खेत में श्री जाख देवता टूर्नामेंट सीजन -5 बीते बुधवार से आयोजित है आप इस बात से भली भांति वाकिफ हैं कि उत्तराखंड में सर्दियों का सीजन आमतौर पर क्रिकेट प्रेमियों के नाम रहता है। जहां सीढ़ीदार खेतों में टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में आयोजित समिति ने बीते बुधवार से कई टीमों द्वारा प्रतिभाग कर हार-जीत के बीच फाइनल मैच में गरवाण गांव की टीम और दीन गांव की टीम पहुंची जिसके चलते फाइनल मुकाबला के लिए दोनों टीम मैदान में उतरे । जिसमें टॉस जीतकर गरवाण गांव की टीम ने पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया
जिसमें गरवाण गांव की टीम ने बल्ले बाज़ी करते हुए 12 ओवर में 96 रन का टारगेट खड़ा किया वहीं मैदान में उतरी दीन गांव की टीम ने बेहतरीन बल्लेबाजी का प्रदर्शन दिखाते हुई 10 ओवर में 97 रन बनाकर फाइनल मैच का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की फाइनल मैच विजेता दीन गांव टीम को ट्राफी और प्राइज मनी से सम्मानित किया। वहीं उपविजेता गरवाण गांव टीम को भी ट्राफी और प्राइज मनी से सम्मानित किया इस दौरान फाइनल मैच में विजेता और उपविजेता टीम को ट्राफी और प्राइज मनी से नवाजा गया।
क्रिकेट प्रतियोगिता के फाइनल मैच पर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए निवर्तमान प्रधान जीतम रावत, सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद राणा, युवा पत्रकार समाजसेवी सुभाष रावत, विजय बिष्ट एवं लाल घाटी के युवा नेता नरेश रावत बतौर मुख्य अतिथि रहे। इस फाइनल मैच में उत्कृष्ट खेल प्रदर्शन के लिए निवर्तमान प्रधान जीतम रावत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में क्रिकेट प्रतियोगिताओं का आयोजन होने से युवाओं को प्रतिभाग करने का सुनहरा अवसर मिलता है। दरअसल, खेल हमें खेलने की प्रक्रिया में बहुत कुछ सिखाते हैं, जो हमारे शारीरिक, मानसिक और व्यक्तिगत विकास में एक आवश्यक कारक के रूप में कार्य करता है। यह हमें समय प्रबंधन, नेतृत्व, कान्फिडेंस बिल्डिंग, गलतियों से सीखने, जिम्मेदारी लेने, टीम वर्क, चुनौतीपूर्ण अधिकार और उत्साह व आत्मविश्वास जैसे मूल्यवान गुण सिखाता है।
वहीं लाल घाटी युवा नेता नरेश रावत ने कहा कि ग्रामीण अंचलों में इस प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन सराहनीय पहल है। ग्रामीण अंचलों में क्रिकेट प्रतियोगिताओं का आयोजन करना चुनौतीपूर्ण है! और हर किसी के अंदर कोई न कोई टैलेंट जरूर होता है, चाहे वह पढ़ाई में हो या फिर खेल में। खेलों में अवसर असीमित और ब्राइट फ्यूचर है। इसमें ढेर सारे करियर विकल्प भी हैं। युवा मैदान में एक पेशेवर खिलाड़ी या कोच बनकर या फिर मैदान से बाहर खिलाड़ियों के सहयोगी या खेल प्रबंधन क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय युवाओं के बेहतर प्रदर्शन के बाद उन्हें केंद्र और राज्य सरकारों से आकर्षक इनाम और नौकरियों तक के ऑफर किए जा रहे हैं। इससे खेलों में करियर बनाने की चाह रखने वाले किशोर-युवाओं को और प्रोत्साहन मिलेगा।