उत्तरकाशी :कृषि विज्ञान केंद्र में पानी की किल्ल्त हुई दूर,सफल बोरिंग के बाद ट्यूबेल स्थापित

 

 

चिन्यालीसौर/उत्तरकाशी

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की संस्था कृषि विज्ञान केंद्र चिन्यालीसौड उत्तरकाशी जिले का एक एग्रीकल्चर टेक्नोलोजी रिसोर्स सेंटर हैं जो जिले के किसानों और राज्य कृषि विभाग के लिए रिसर्च, ट्रेनिंग और कृषि प्रसार के क्षेत्र में कार्य करता है!पैसा होते हुए भी केंद्र पिछले 12 वर्षों से पेय जल और कृषि सिंचाई के लिए ट्यूब वैल लगवाने के लिए जूझ रहा था. उत्तराखंड जल संस्थान और सी पी डब्ल्यू डी द्वारा अनेक प्रयासों के बाबजूद किसी न किसी व्यवधान के कारण सफलता नहीं मिल पा रही थी. कभी जमीन में पानी नहीं मिलने की रिपोर्ट तो कभी ठेकेदारों का पीछे हटना, कभी इंजीनियरों का तवादले तो कभी कोई अन्य कारण. वर्ष 2021 में जब केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक व अध्यक्ष डॉ सी एस राघव ने पदभार संभाला तो पूर्व केन्द्र इंचार्ज व वैज्ञानिक डॉ पंकज नौटियाल तथा फार्म मैनजर नीरज जोशी के साथ बैठकर कार्य में आ रही अडचनों की समीक्षा की गई और फिर एक बार प्रयास किया गया. इधर डॉ राघव ने उत्तराखंड के सी पी डब्ल्यू डी के चीफ इंजीनियर सुनील शर्मा द्वारा विभाग के इंजीनियरों को उर्जावान किया उधर स्थानीय स्तर पर डॉ नौटियाल और जोशी ने फोलो अप किया.. संयुक्त प्रयास से की गई मेहनत रंग लाइ और दिनांक 30 नवम्बर 2023 को सी पी डब्ल्यू डी के जूनियर इंजीनियर संदीप बिष्ट की देखरेख में केंद्र में बोरिंग की शुरुआत की गई. पहले सप्ताह में केम्पस में किए गए पहले बोरिंग से पानी निकाल लिया गया और दूसरे सप्ताह में फार्म में दूसरा बोरिंग सफलता पूर्वक कर लिया गया है!
ऐसा समझा जा रहा है कि फार्म में पानी की सुविधा उपलब्ध होने से आने वाले समय में केंद्र में अभूतपूर्व फसल उत्पादन और केंद्र की उन्नति में एतिहासिक वृद्धि की शुरुआत होना तय हैं! इस अभूतपूर्व सफलता पर जब डॉ राघव से पूछा गया तो उन्होंने सी पी डब्ल्यू के चीफ इंजीनियर सुनील शर्मा की सराहना करने हुए कहा कि सुनील शर्मा यदि व्यक्तिगत स्तर पर रूचि न लेते तो यह काम शायद ही कभी हो पाता!
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रिंसिपल साइंटिस्ट सी एस राघव ने बताया कि इस ट्यूबल की छमता 100 लीटर प्रति मिनट पानी फेंकने की है । इस ट्यूबेल के माध्यम से हम 81 एकड़ भूमि की सिंचाई कर पाएंगे।

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