उत्तरकाशी : अपर यमुना वन प्रभाग विश्राम भवन में हुआ मानव -वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण पर कार्यशाला का आयोजन

 

जयप्रकाश बहुगुणा

बड़कोट /उत्तरकाशी

वन विश्राम भवन, बड़कोट में “मानव-वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण एवं पी आर टी के कौशल विकास के उद्देश्य को लेकर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि हरीश नेगी, उप निदेशक, गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क, उत्तरकाशी ने प्रतिभाग किया एवं कार्यशाला की अध्यक्षता प्रभागीय वनाधिकारी अपर यमुना वन प्रभाग बड़कोट रविन्द्र पुंडीर द्वारा की गई।
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य मानव-वन्यजीव संघर्ष को न्यूनतम करने के प्रभावी समाधान खोजना, पी आर टी टीम की कार्यप्रणाली को सशक्त बनाना और आपातकालीन स्थिति से संबंधित व्यावहारिक जानकारी प्रदान करना था।
मुख्य अतिथि हरीश नेगी, उप निदेशक, गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क, उत्तरकाशी ने मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के विभिन्न उपायों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि “वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास को संरक्षित करना, स्थानीय समुदायों को जागरूक बनाना, तथा आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना” इस समस्या के समाधान के लिए आवश्यक है। उन्होंने फील्ड स्टाफ और पी आर टी टीम के सदस्यों को अपने अनुभवों के आधार पर समझाया कि संघर्ष की घटनाओं को न्यूनतम करने के लिए किस प्रकार की रणनीतियाँ अपनाई जानी चाहिए।
इस कार्यशाला में एसडीआरएफ के जवानों ने भी प्रतिभाग किया और उन्होंने आपदा प्रबंधन और बचाव कार्यों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ एवं व्यवहारिक प्रदर्शन (डेमो क्लास) प्रस्तुत किया।
इस दौरान जवानों ने सीपीआर तकनीक सहित विभिन्न आपदा प्रबंधन एवं आपातकालीन तकनीकों पर विस्तृत जानकारी दी, जिससे न केवल फील्ड स्टाफ बल्कि सभी प्रतिभागियों को आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के व्यावहारिक उपाय सीखने का अवसर मिला।
कार्यशाला अंतर्गत प्रभागीय वनाधिकारी बड़कोट, उप प्रभागीय वनाधिकारी बड़कोट एवं वन क्षेत्राधिकारी (रंवाई/मुगरसंती) द्वारा पी आर टी टीम को आपदा किट प्रदान की गई। इस किट में ट्रेक शूट,जंगल जूते, टॉर्च , वाटर बॉटल आदि आवश्यक संसाधन शामिल थे।
वन क्षेत्राधिकारी, रंवाई/मुगरसंती शेखर सिंह राणा द्वारा भी फील्ड स्टाफ  को कार्यशाला के विषय पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई और वन्यजीवों  की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए  उपकरणों जैसे ट्रैप कमरा की बेसिक जानकारी साझा की गई।कार्यशाला के अंत में श प्रभागीय वनाधिकारी अपर यमुना वन प्रभाग बड़कोट रविन्द्र पुंडीर ने मानव-वन्यजीव संघर्ष के न्यूनीकरण में पी आर टी सदस्यों की भूमिका और महत्व पर विस्तार पूर्वक बताया गया एवं वन कर्मियों से मानव वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण हेतु प्रभावी कार्यशैली अपनाने हेतु आवश्यक निर्देश दिए गए!

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