जयप्रकाश बहुगुणा
बड़कोट/उत्तरकाशी
यमुना घाटी के गीठ पट्टी के 12 गांवों गांवों के के आराध्य आराध्य देव सोमेश्वर (समेश्वर) देवता के मंदिर के कपाट बैसाखी पर सोमवार को सुबह साढ़े सात बजे खोल दिए गए हैं। ऐसे में श्रद्धालु आगामी 6 महीने तक खरसाली में सोमेश्वर देवता के के दर्शन दर्शन कर सकेंगे। सोमेश्वर देवता नेका मंदिर मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव में है, जहां पर कपाट खोलने के लिए परंपराओं के अनुसार बैसाखी से एक दिन पहले विशेष पूजा शुरू हो गई थी। यमुनोत्री धाम् से सटे गीठ पट्टी के खरसाली समेत बनास, पिंडकी, मदेश, निसणी, दुर्बिल, कुठार, दागुणगांव, बाडिया, राना, कुपड़ा, त्रिखली-कुनसाला के 12 गांवों में सोमेश्वर देवता आराध्य देव के रूप में पूजे जाते हैं। सोमेश्वर देवता का मंदिर यमुना के शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव में हैं। सोमवार यानी 14 अप्रैल को बैसाखी पर्व पर सोमेश्वर देवता के कपाट 6 महीने इसके लिए विधि विधान के साथ खोले गए। यमुनोत्री धाम के पुरोहित महासभा के पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया कि वैसाखी के अवसर पर सुबह साढ़े सात बजे सोमेश्वर देवता के कपाट खोले गये!
देवता के मंदिर के कपाट खोलने और विशेष पूजा अर्चना के बारे में बताया। यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद सोमेश्वर देवता भी 6 महीने के विश्राम पर चले में जाते हैं। इसलिए शीतकाल में उनके मंदिर के कपाट भी बंद रहते हैं। रविवार को कपाट खोलने की प्रक्रिया के तहत मंदिर में विशेष पूजा अर्चना शुरू हो गई थी। जिसके तहत उनका अभिषेक कर सिंहासन पर विराजमान कर दिया गया।सोमवार सुबह श्रद्धालुओं ने सोमेश्वर देवता के दर्शन किए। अपने आराध्य देवता के दर्शन के लिए गीठ पट्टी के 12 गांव के लोग सोमवार सुबह से ही समेश्वर मंदिर परिसर में जुटने शुरू हो गये थे!इस अवसर पर पंडा, पुरोहित, समेश्वर देवता समिति 12 गांव गीट्ठपट्टी, अध्यक्ष जयबीर सिंह रावत, सचिव सूरज तोमर, यमुनोत्री विधानसभा के पूर्व विधायक केदार सिंह रावत , बड़कोट नगर पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल , ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि नौगांव अजबीन पंवार, महाबीर पंवार माही, समस्त प्रधान, प्रशासक और क्षेत्रवासी यमुनाघाटी उपस्थित रहे!