जयप्रकाश बहुगुणा
उत्तरकाशी,
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जन समस्याओं के निस्तारण के लिए अधिकारियों को नियमित रूप से जनता से भेंट करने के साथ ही तहसील दिवसों में प्रतिभाग करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी स्वयं भी मंगलवार 2 जुलाई को चिन्यालीसौड़ में आयोजित तहसील दिवस में प्रतिभाग करेंगे। विकास खंड कार्यालय चिन्यालीसौड़ के सभागार में पूर्वाह्न 11 बजे से आयोजित होने वाले इस तहसील दिवस में विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने एक परिपत्र जारी करते हुए कहा है कि शासन के निर्देशानुसार जनता की शिकायतों व समस्याओं का समयबद्ध व गुणवत्तापूर्वक निस्तारण सुनिश्चित किया जाना जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी है कि सभी कार्यालयाध्यक्ष प्रतिदिन पूर्वाह्न 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक अपने कार्यालयों में जनता से भेंट करने हेतु अनिवार्य रूप से उपलब्ध रहें और प्राप्त प्रकरणों का गंभीरता से संज्ञान लेकर तत्परता से कार्रवाई करें। इस दौरान यथासंभव कोई बैठक न रखी जाय और अपरिहार्य कारणों से कभी कार्यालयाध्यक्ष के उपलब्ध न हो पाने की दशा में जनता से मिलने हेतु वैकल्पिक व्यवस्था पर किसी अन्य अधिकारी को कार्यालय में उपलब्ध रखा जाय।
जिलाधिकारी ने प्रत्येक माह के पहले एवं तीसरे मंगलवार को आयोजित होने वाले तहसील दिवसों को डिजीटल प्रक्रिया के तहत मुख्यमंत्री जन समर्पण तहसील दिवस के रूप में आयोजित कर इनमें प्राप्त होने वाले प्रकरणों व जन-समस्याओं को पोर्टल पर अपलोड कर निस्तारित कराए जाने के संबंध में भी निर्देश जारी किए हैं। जिलाधिकारी ने कहा है कि तहसील दिवसों में उपजिलाधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी, तहसीलदार, खंड विकास अधिकारी सहित अन्य रेखीय विभागों के तहसील स्तरीय सक्षम अधिकारी अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे। तहसील दिवस में प्राप्त होने वाले प्रकरणों व प्रार्थना पत्र को पोर्टल पर सूचीबद्ध कर इंगित समस्या का यथासंभव तत्काल निस्तारण किया जाए। जिन प्रकरणों के निस्तारण में कुछ समय लगने की संभावना हो तो उन्हें संबंधित विभाग व अधिकारी के स्तर से दो सप्ताह के भीतर तय समय में निस्तारित कर ऐसे मामलों को गली तहसील दिवस पर समीक्षा व विचार के लिए प्रस्तुत किया जाय। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने की भी हिदायत दी है कि अगले तहसील दिवस से बाद पहले से सूचीबद्ध कोई भी प्रकरण लंबित नहीं रहे।