बड़ी खबर : अपर यमुना वन प्रभाग की नौगांव रेंज में करोड़ों रुपए की योजनाओं की जाँच के लिए मुख्यमंत्री से की मांग,भेजा ज्ञापन

 

 

जयप्रकाश बहुगुणा

बड़कोट / उत्तरकाशी

उतरकाशी जिले के टोंस वन प्रभाग में हुए करोड़ों रुपये की जाँच की आंच अभी थमी भी नहीं है कि अब अपर यमुना वन प्रभाग बड़कोट की नौगांव रेंज के अंतर्गत करोड़ों रुपये की योजनाओं की जाँच की मांग होने लगी है। नौगांव रेंज के अंतर्गत हुए कैट प्लान व अन्य मदों के कार्यों की उच्च स्तरीय जाँच के लिए मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया है।तथा जिलाधिकारी व प्रमुख वन संरक्षक को भी जाँच के लिए पत्र भेजे गये है।
अपर यमुना वन प्रभाग बड़कोट के नौगांव रेंज  के अंतर्गत सन 2021 से 2023-24 तक कैट प्लान व अन्य मदों से विभाग द्वारा कराये गये विभिन्न निर्माण कार्यों (चाल, खाल,खंतियाँ) की जाँच के लिए मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया है।ग्राम कलोज गावं के वन सरपंच जीतेन्द्र सिंह नेगी ने उपरोक्त वर्षो मे वन विभाग द्वारा कराये गये विभिन्न निर्माण कार्यों व वृक्षारोपण की मुख्यमंत्री से मांग की है।
मुख्यमंत्री को भेजे गये पत्र में वन सरपंच जीतेन्द्र नेगी ने विभाग पर करोड़ों रुपये की योजनाओं में गड़बड़ झाले का आरोप लगाते हुए कहा है की वन विभाग ने  वन बीट के अंतर्गत 2021- 23-24 के दौरान करोड़ों रुपये के निर्माण कार्य व वृक्षारोपण होना दिखाया है,जिसकी जानकारी विभाग द्वारा सूचना के अधिकार के तहत दी गई है, जबकि धरातल पर कोई भी कार्य नहीं कराया गया है।बल्कि विभागीय अधिकारियों ने अपने सगे संबंधियों के नाम से अनुबंध करके भुगतान दिखाकर सरकार को करोड़ों रुपये का चुना लगाया है।
वन सरपंच जीतेन्द्र नेगी ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि विभाग द्वारा जो कर्मचारी अधिकारी क्षेत्र में नियुक्त है उनके द्वारा अपने चहेते ठेकेदारों व विभाग से सेवनिवृत हो चुके कर्मियों के नाम फर्जी तरीके से कार्यों का भुगतान कर करोड़ों रुपये का गबन किया गया है । सरकारी धन के इस प्रकार दुरूपयोग की उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिए । अपर यमुना वन प्रभाग के नौगांव रेंज  के अंतर्गत विभाग ने हजारों पौध का रोपण होना कागजों में दिखाया है जबकि धरातल पर वृक्षारोपण की स्थिति दावों के बिल्कुल उलट है।वन सरपंच जीतेन्द्र नेगी ने यह भी कहा है कि फायर सीजन में विभाग द्वारा फर्जी तरीके से विभागीय कर्मियों के सगे संबंधियों के नाम भुगतान दिखाया गया है, जबकि आग बुझाने का काम स्थानीय लोगों द्वारा किया गया है।लेकिन विभाग द्वारा अपने कर्मचारियों व उनके चहेतों के नाम पर फायर वाचर का हजारों रुपये का भुगतान होना दिखाया गया है।वन सरपंच जितेंद्र सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री से सभी कार्यों की उच्च स्तरीय जाँच कराने की मांग की है।वन सरपंच ने अपर यमुना वन प्रभाग बड़कोट पर सूचना के अधिकार के तहत आधी अधूरी सूचना देने का भी आरोप लगाया है।जिसके लिए उन्होंने अपील भी की है।

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