बींआरपी – सीआरपी भर्ती में दिव्यांगों के लिए समाप्त हो न्यूनतम अंको की बाध्यता

 

 

जयप्रकाश बहुगुणा

बड़कोट /उतरकाशी

दिव्यांग वर्ग के शिक्षित प्रशिक्षित बेरोजगारों ने की बीआरपी और सीआरपी भर्ती में अंकों के न्यूनतम प्रतिशत में छूट देने की मांग की है।

बी.एड शिक्षित प्रशिक्षित दिव्यांग वर्ग का कहना है कि आउटसोर्स के माध्यम से बीआरपी और सीआरपी की वर्तमान भर्ती प्रक्रिया चल रही है, जिसमें शैक्षिक अर्हता की न्यूनतम 55% प्रतिशत अंकों की बाध्यता रखी गई है, जिसमें अधिकांश बेरोजगार ऐसे हैं, जिनका 55% से कम है, और वह इस भर्ती प्रक्रिया में सम्मिलित नहीं हो पा रहे हैं, तथा भर्ती से वंचित हो रहे हैं। वही दिव्यांग प्रशिक्षित बेरोजगारों का कहना है कि जब एल.टी व प्रवक्ता में अंको की कोई भी बाध्यता नहीं है, तो आउटसोर्स के माध्यम से चल रही बीआरपी और सीआरपी के पदों पर इस तरह के नियम को लागु करना और इसे बेरोजगारों पर थोपना ठीक नहीं है, इससे शिक्षित प्रशिक्षित बेरोजगार इस भर्ती प्रक्रिया में सम्मिलित नहीं हो पा रहे हैं, और भर्ती से वंचित हो रहे हैं। राज्य दिव्यांग सलाहकार बोर्ड के सदस्य सुरेंद्र रावत ने यहां जारी एक बयान में कहा कि इस भर्ती पर कई वर्षों से दिव्यांग वर्ग के अधिकांश सभी शिक्षित प्रशिक्षितों की आस थी जो कि अब धुंधली दिखाई दे रही है, उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से यह मांग की है कि या तो शैक्षिक अर्हता में अंको का प्रतिशत बाध्यता को समाप्त किया जाए या फिर दिव्यांग वर्ग को इस भर्ती प्रक्रिया में अंको की प्रतिशत में प्रतिनिधित्व छूट दी जाए। साथ ही भर्ती प्रक्रिया की समय सीमा की तिथि को आगे बढ़ाने की भी मांग की गई ताकी उत्तराखंड के सभी शिक्षित प्रशिक्षित बेरोजगार इस भर्ती प्रक्रिया में प्रतिभाग कर सके । दिव्यांगों में नरेश राज , जगेन्द्र सिंह , उपेंद्र शर्मा , विपिन कुमार ,राजेश कुमार , मेगा राम , सूरज कुमार , आदि मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *