जयप्रकाश बहुगुणा
उत्तरकाशी
पर्यावरण की रखवाली, घर-घर हरियाली, लाये समृद्धि और खुशहाली के उद्देश्य की पूर्ति को धरातल पर समृद्ध व उत्साह पूर्वक मनाये जाने को लेकर कल 16 जुलाई हरेला पर्व पर प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी ही नहीं अपितु पौधों का रोपण कर उन्हें संरक्षित करने का कर्तव्य भी है l
मुख्य विकास अधिकारी जय किशन ने जनपद के विभिन्न विकास खंडो की ग्राम पंचायतों, आंगनबाड़ी केंद्रों, सहायक नदियों के किनारों, जल स्रोतों के साथ ही अमृत सरोवरों के आस-पास बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किये जाने को लेकर विभिन्न विभागीय अधिकारियों/ कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की है l
उन्होंने कहा कि वृहद वृक्षारोपण अभियान को लेकर सभी विकास खंडो में वृक्षारोपण से पूर्व सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली गयी है l इस क्रम मे जनपद तथा विकास खड़ स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये है ।उपरोक्त गतिविधि में अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। महिला कार्य बोझ को कम करने के उद्देश्य से चारा प्रजाति तथा फल दार पेड़ तथा पौधों का रोपण किया जाना है।इसी प्रकार आगनवाड़ी केंद्रो में मोरिंगा तथा पोषण वाटिका बनाये जाने हेतु तैयारियां कर ली गई है।
इस वर्ष ग्राम पंचायत स्तर पर पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है, जिसकी सूचना समय पर प्राप्त हो ऐसे टूल विकसित किये गये है।साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कास्ट कला से जुड़े ग्रामीणों हेतु रींगाल् तथा बांस का रोपण कराया जायेगा, ताकि कास्ट कला से जुड़े समूहों को कच्चा माल ग्राम स्तर पर ही उपलब्ध हो सकेl हरेला पर्व जहां खुशहाली व हरियाली का प्रतीक है, वहीं आम जन मानस को जन सहभागिता के माध्यम से अपने आस-पास के क्षेत्रों में वृहद रुप से वृक्षारोपण कर पौधों की रक्षा करने का संकल्प लेकर नियमित देख-रेख भी करनी चाहिए l
“सारा” अभियान के अंन्तर्गत हरेला पर्व पर जल संरक्षण के कार्यों को भी मिशन मोड़ पर क्रियान्वित किया जायेगा l
विभिन्न विकास खंडो के आंगनबाड़ी केन्द्रों में फलदार पौधों का रोपण किये जाने को लेकर इस ओर बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी तय की गयी है lसभी रेखीय विभागों को पूर्व में ही हरेला पर्व को आपसी समन्वय से स्थापित करते हुए, 50 प्रतिशत वृक्षारोपण के लक्ष्यों को सम्पन्न कराने के आवश्यक दिशा – निर्देश जारी किये गये है।