जयप्रकाश बहुगुणा
उतरकाशी
खेल खेल में पर्यावरण संरक्षण एवं मानव और वन्य जीवों के बीच बढ़े संघर्ष को कम करने के लिए हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी के द्वारा शुरू किए गए बीज बम अभियान सप्ताह का समापन ग्रामीणों, सामाजिक संगठनों एवं जनपद स्तरीय अधिकारियों के द्वारा बनाए बीज बम को जंगलों में डाल कर किया गया।
उत्तरकाशी में समापन के अवसर पर खंड विकास अधिकारी डा. अमित ममगाई के द्वारा सिल्ला गांव में कार्यक्रम आयोजित किया गया इस ग्रामीणों ने बनाए बीज बम जंगलों में फेंके एवं पारंपरिक गीत गाए। डा. अमित ममगाई के द्वारा बीज बम को आर्थिकी से जोड़ा गया। सिल्ला गांव में चल रहे होम स्टे में ठहरने वाले पर्यटकों को ट्रेकिंग के अवसर पर बीज बम का पैकेट दिया जाता है। प्रत्येक पैकेट में 5 बीज बम होते है जिसका 20 रुपए दाम लिया जाता है। इस वर्ष बीज बम अभियान सप्ताह उत्तराखंड के 350 ग्राम पंचायत, 250 स्वैच्छिक संगठनों, विश्व विद्यालयों, महाविद्यालय, स्कूल ने एक हजार स्थानों पर बीज बम अभियान अभियान सप्ताह मनाया ।
बीज बम अभियान सप्ताह के दौरान विभिन्न सब्जियों कद्दू, तोरी, लौकी, मक्का, शहतूत आदि के एक लाख से अधिक बीज बम लोगो के द्वारा जंगलों में डाले गए। जनपद उत्तरकाशी के विकास खंड भटवाड़ी के 30 ग्राम पंचायतों में डॉ अमित ममगाईं के नेतृत्व में बीज बम अभियान सप्ताह मनाया गया।
राज्य की समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों में बीज बम अभियान सप्ताह मनाया गया, इसके लिए अपर सचिव प्रशांत आर्य ने पत्र जारी किया।बीज बम अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा कि बीज बम अभियान धीरे धीरे राज और समाज में पैठ बना रहा है। अभी हमारा फोकस दो बातों पर है एक तो सम्पूर्ण राज, समाज को अभियान का हिस्सा बनाना है दूसरा वनों में ऐसे बीज बम डालने है जिससे कुछ न कुछ वन्य जीवों के लिए भोजन मिले, वह बेल, तना, पती फल , सब्जी जो भी हो बस जानवरों के आहार के लिए हो। अभी हमारा मकसद किसी तरह के बड़े पोधों य वनों को विकसित करना नहीं है अभी सिर्फ और सिर्फ वन्य जीवों के लिए भोजन उपलब्ध कराना एक मात्र मकसद है। सेमवाल ने बीज बम अभियान को गति देने वाले सभी संगठनों, विभागों, शिक्षक साथियों, पंचायत प्रतिनिधियों, विश्वविद्यालय, महिला संगठनों एवं पत्रकार साथियों का आभार ब्यक्त किया।
इस अवसर पर डॉ अमित ममगाई प्रधान उमा राणा, मदन पंवार ग्राम विकास अधिकारी, संतोषी, आशुतोष रीप, त्रिलोक भंडारी, संदीप पंवार, मोहन राणा, आशीष राणा मौजूद रहे