जयप्रकाश बहुगुणा
बड़कोट /उत्तरकाशी
अपर यमुना वन प्रभाग बड़कोट के फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में हिमालयन व्हाइट लिप्ड पिट वाइपर प्रजाति का सांप मिला है,जिसे वन विभाग टीम द्वारा रेस्क्यू कर सुरक्षित जगह पर छोड़ा गया ।
रवाई रेंज वन क्षेत्राधिकारी शेखर सिंह राणा ने जानकारी दी कि हिमालयन व्हाइट लिप्ड पिट वाइपर / हिमालयी ग्रीन पिट वाइपर (Trimeresurus albolabris ) एक जहरीला सांप है, जिसके काटने के बाद काटे गए स्थान पर सूजन शुरू हो जाती है। व्यक्ति को यदि समय पर उपचार न मिले तो खून का थक्का बनना शुरू हो जाता है और मौत हो जाती है।
प्रभागीय वनाधिकारी रवीन्द्र पुंडीर व उप प्रभागीय वनाधिकारी साधुलाल पलियाल ने बताया कि हिमालयन व्हाइट लिप्ड पिट वाइपर दुर्लभ प्रजाति के सांपों में शामिल है। भारत समेत दुनिया के दक्षिण एशिया के कई देशों में इस प्रजाति के सांपों के तेजी से कम हो रही संख्या के चलते इंटरनेशनल यूनियन ऑफ कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) इस प्रजाति के सांप को लाल सूची( RED DATA) में डाला है। भारत, म्यांमार, बांग्लादेश, कंबोडिया, लाओस समेम कई देशों में भ्रांतियाें के चलते कई लोग इस प्रजाति के सांप का शिकार दवाओं के लिए भी करते हैं।
सरीसृप विज्ञानियों की मानें, तो यह सांप हरी घासों और पत्तियों के बीच घात लगाकर शिकार करता है। शरीर का रंग हरा होने से सांप हरी घास और पत्तियों के बीच छुप जाता है, ऐसे में शिकार को आभास ही नहीं होता कि सांप का डेरा है। शिकार के नजदीक आने के साथ ही तेजी से हमला करता है और फिर शिकार को कब्जे में ले लेता है। पक्षी, मेंढक, छिपकली इसके पसंदीदा शिकार हैं। यह वाइपर सांप भारत के हिमालय राज्यों के अलावा असम और झारखंड में भी पाया जाता है। इसकी उम्र 9 से 10 साल होती है और यह 60 सेमी से 80 सेमी लंबा होता है।
वन विभाग की टीम मे वन दरोगा जवाहर लाल, वन बीट अधिकारी तेजस्वरी, ज्योति, दैनिक श्रमिक नरेश, पर्वेश आदि थे।