श्रीकृष्ण गोपियों के बिरह वर्णन की कथा सुन कर भावुक हुए श्रोता

उत्तराखंड एक्सप्रेस ब्यूरो
टिहरी

श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास आचार्य अनिलदेव सेमवाल ने श्रीकृष्ण और गोपियों की रास लीला की कथा का वर्णन किया। कथा में श्रीकृष्ण और गोपियों के बिछुड़ने का वर्णन करते हुए व्यास पीठ पर विराजमान श्री आचार्य भी भावुक हो गए, उनकी आंखें नम हो गयी। वहीं गोपियों के विरह वर्णन की कथा सुन स्रोता भी श्रीकृष्ण और गोपियों के बिरह वर्णन से भावुक हो उठे।

टिहरी जनपद के अंतर्गत तल्ला उपू गांव के श्री रथी देवता मंदिर प्रांगण में स्व अनिल नौटियाल की पुण्य स्मृति में सात दिवसीय श्रीम‌द्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। भागवत कथा के छठे दिन कथा में कथा वक्ता श्री सेमवाल ने भगवान श्री कृष्ण और विदुर की कथा सुनाते हुए प्रेम की महत्वता को बताया। कहा कि सबसे ऊंची प्रेम सगाई, दुर्योधन के मेवा त्यागे साग विदुर घर खायो। उन्होंने पितृ देवों के बारे में बताते हुए कहा कि पितृ कहीं जाते नही वे हमारी धड़कनों में रहकर हमे गलत काम करने से रोकते हैं।

इस अवसर पर माई जी श्रीशिवानन्द पुरी, आचार्य मनोज सेमवाल, पंण्डित लोकेन्द्र जुयाल, जनान्द जुयाल अरबिन्द पैन्यूली, भुवनेश भट्ट आदित्य नौटियाल कथा आयोजकों में श्रीमती वन्दना देवी नौटियाल धर्मपत्नी स्व अनिल नौटियाल, श्री मुकेश नौटियाल,सुनिल नौटियाल, सचिन नौटियल महेश, शिवांश,दीपक,मोहित नौटियाल और सेवामे संलग्न श्री धर्मानन्द नौटियाल,महिमानन्द, घनानन्द कृष्णानन्द नौटियाल,सुरेन्द्र नौटियाल,रमेश नौटियाल, राजेन्द्र दिनेश नौटियाल विरेन्द्र जयेन्द्र सुरेश नौटियाल श्रीमती जानकी देवी उनियाल श्रीमती उर्मीला देवी विक्रम सिह राणा एवं समस्त ग्रामवासी सहित अन्य कथा स्रोता मौजूद रहे।

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